उत्तर प्रदेश में जल्द ही लागू होगा जनसंख्या नियंत्रण विधेयक…. जानिए क्या है इस विधेयक के नियम…
भारत की बढ़ती जनसंख्या को देखकर सरकार भी इस पर अब ध्यान दे रही है और इसी की पहल नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश से शुरुआत की जा रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जल्दी एक विधेयक पास करेंगे, जो जनसंख्या नियंत्रण पर होगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने जनसंख्या विधेयक 2021 का रुपरेखा भी तैयार कर लिया है और जल्द ही इस कानून को लागू भी कर दिया जाएगा। इस कानून के लागू होने से प्रदेश में बढ़ रही जनसंख्या को रोकने की कोशिश की जाएगी। राज्य विधि आयोग जल्द ही इसे अंतिम रूप दे देंगे। जिसके बाद यह राज्य सरकार को सौंप दिया जाएगा। राज्य नीति आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एन मित्तल के दिशा निर्देश से यह विधेयक तैयार किया गया है।
इस विधेयक के अंतर्गत जिनके पास 2 से ज्यादा बच्चे होंगे वे न तो सरकारी नौकरी कर पाएंगे और न कोई चुनाव लड़ पाएंगे। योगी सरकार ने इसे सरकारी वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया है। इस जॉब को आप upsc.upstc.gov.in पर जाकर पढ़ सकते हैं।
जनसंख्या विधेयक 2021 को लेकर आम जनता से भी राय मांगी गई है और इस राय के लिए 19 जुलाई आखिरी तारीख तय की गई है आप अपनी राय आयोग को ईमेल
([email protected])
या फिर डाक के जरिए दे सकते हैं। आपको कोई आपत्ति है तो भी आप अपने आपत्तियों को भी भेज सकते हैं।
सरकार आपके सुझाव और आपत्तियों पर विचार करेगी और इन सब के अध्ययन से एक मार्ग निकालेगी और इस विधेयक को संशोधित कर इसे तैयार करेगी और फिर इसे मोदी सरकार के द्वारा पास किया जाएगा और फिर यह कानून राज्य में लागू हो जाएगा। यह नीति मुख्यमंत्री योगी 11 जुलाई 2021 से 2030 तक के लिए जारी करेंगे।
आगे की समय सीमा पर विचार किया जाएगा।
इस वीडियो को पूरी तरीके से राज्य विधि आयोग की ओर से बनाया गया है। इस प्रस्ताव के मुताबिक जिनके 2 से ज्यादा बच्चे हुए तो वह सरकारी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकते, इसके अलावा प्रमोशन का भी मौका नहीं मिलेगा। माता पिता को 77 सरकारी योजना और अनुदान का लाभ भी नहीं मिलेगा इतना ही नहीं, ऐसे लोग स्थानीय निकाय चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इस कानून के लागू होने पर 1 साल के अंदर सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को शपथ पत्र देना होगा इस शपथ पत्र के अनुसार अगर उन्हें तीसरी संतान पैदा करते हैं तो वह इस नौकरी से निष्कासित हो जाएंगे।
ऐसी स्थिति में उन्हें बिजली, पानी, हाउस टैक्स, होम लोन आदि सुविधाओं में कोई छूट नहीं दी जाएगी। वही 1 बच्चे और खुद नसबंदी कराने वाले दंपत्ति को संतान के 20 वर्ष के होने तक मुफ्त इलाज शिक्षा बीमार शिक्षण संस्था व सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने का प्रस्ताव है।
इस जानकारी को अगर आप विस्तार से जानना चाहते हैं तो राज्य नीति आयोग वेबसाइट पर जाकर इसे विस्तार से आप जान सकते हैं।