इस पुण्य भूमि पर अनेक विद्धवानो ने जन्म लिया और और अपने विचारो को लोगो से सामने पेश किया जिससे मनुष्य के जीवन में बहुत बदलाव आया और अपने जीवन को जीने के लिए उसे उन विधवानो से प्रेरणा मिली और मानव ने उन विद्धवानो से सीखी हुई विध्या और विचार को अपने जीवन में उपयोग करने के आज मनुष्य सुखी व समृद्ध हे|
इन विद्धवानो की लिस्ट में एक महान विद्वान आते हे, जो अपने विचारो के लिए प्रसिध्द हे जीने हम आचार्य चाणक्य के नाम से जानते हे| आचार्य चाणक्य इस भूमि के ऐसे विचारक थे जो की अब हमारे बिच नहीं हे, लेकिन अब भी उनके विचारो कारण वह इस दुनिया में होने का अनुभव करते हे | आचार्य चाणक्य व्दारा दिये गए विचार हे, की पुरुष को यह चार बाते अपनी पत्नी से नहीं बताने चाहिए वरना पुरुष हो सकता हे बर्बाद |
1. आचार्य चाणक्य का पहला नियम यह हे की किसी पुरुष को अपने पत्नी को अपनी कमजोरी के बारे में नहीं बताना चाहिए, क्युकी पत्नी पुरुष के पुरे जीवन उसके साथ रहती हे, लेकिन एक पत्नी और पति बिना लड़ाई के उनके जीवन की गाड़ी नहीं चलती | चाहे सुख हो या दुःख तो किसी भी पति को अपनी पत्नी से अपनी कमजोरी को नहीं बताना चाहिए |
2. आचार्य चाणक्य का दूसरा नियम यह की किसी पुरुष को अपनी पत्नी से अपने अपमान के बारे में नहीं बताना चाहिए यदि पुरुष का अपने दुश्मन के व्दारा अपना अपमान के बारे में नहीं कहना चाहिए, क्योकि पत्नी अपने पति को उसके अपमान के बारे में ताना मारती हे |
3. आचार्य चाणक्य का तीसरा नियम यह हे की किसी पुरुष को अपनी पत्नी से दिए हुए दान के बारे में नहीं बताना चाहिए | क्योकि कोई भी पत्नी अपने पति को अच्छे वक्त में कुछ नहीं कहता, लेकिन जब आदमी का बुरा वक्त आता हे वो पत्नी अपने पति को दिये हुये दान का कह देती है। इसीलिए किसी भी पुरुष को अपनी पत्नी को दिए हुआ दान के बरते में नहीं बताना चाहिए |
4. आचार्य चाणक्य का चौथा नियम यह बताया की, किसी भी पुरुष को अपनी कमाई के बारे अपनी पत्नी को नहीं बताना चाहिए। क्युकी जब पत्नी को अपनी पति की कमाई के बारे में नहीं पता होता हे, तो वह उसी के अनुरूप खर्च करती है। पुरुष को अपनी कमाई को अपनी पत्नी से जरूरत के अनुसार ही बताना उचित होता है।