दोस्तों हम सभी ने ट्रेन की पटरियों को देखा है। हम हमेशा देखते है, की इन पटरियों के बिच में आपको पत्थर बिछाये हुए दीखते है। आज हम आपको इन पत्थरो के होने के कारण को बतायेगे।
रेल की पटरी पर पत्थर क्यों होते है, यह सवाल आपके मन में भी कई बार आया होगा। आप सभी में से बहुत कम लोग ऐसे होंगे जिन्हे इसका जवाब अच्छी तरह से मालुम होगा। कई लोगो को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रहती है। रेल में यात्रा करते समय रेल की पटरी को देखने के बाद यह सवाल आता है। जब ट्रेन का अविष्कार हुआ था तभी से इसकी पटरी पर पत्थर बिछाएं जाते है।
इसके पीछे के कारण को हम आपको बताते है।
पटरी के नीचे कंक्रीट के बने स्लीपर होते है। रेलवे ट्रैक जमीन से थोड़ा ऊंचाई पर होता है, इस पर लोहे से बनी एक ट्रेन का वजन लगभग 10 लाख किलो तक होता है। जिसके वजन को सम्भालने के लिए पटरियों को बहुत ही मजबूत बनाना पड़ता है। इसके लिए इन पत्थरो का सहारा लिया जाता है। नहीं तो ट्रेन के वजन से पटरिया जमीन में धंस सकती है।
इसके साथ ही कुछ अन्य कारण भी जैसे –
1. रेलवे ट्रैक पर बिछे पत्थर नीचे लगे कंक्रीट के बने स्लीपर को एक जगह स्थिर रहने में सपोर्ट करते हैं। इससे ट्रेन के वजन को पटरिया आसानी से उठ सकती है।
2. अगर रेलवे ट्रैक पर गिट्टी नहीं बिछाई जाएगी तो ट्रैक घास और पेड़ पौधों से भर जाएगी जिससे ट्रेन के आवागमन में परेशानी आएगी।
3. जब ट्रैन ट्रैक पर दौड्ती है तो एक कम्पन्न पैदा होता है. इस कम्पन्न को कम करने के लिए यह पत्थर बहुत लाभकारी होते है। इसलिए कंपन्न कम करने के लिए और पटरियों पर इन्हे डाला जाता है।
4. पटरियों पर बारिश के समय जल भराव की स्थति से निपटने के लिय भी इसका उपयोग किया जाता है। बरसात के समय में पानी ट्रैक न एकत्र हो इसके लिए भी इन गिट्टियों को डाला जाता है।
5. जमींन के निचे की मिटटी की पकड़ मजबूत बनी रहे, जिससे पटरिया इधर उधर नहीं खिसकती है।