भगवान के द्वारा दिया गया सबसे बड़ा वरदान पानी है | आपने भी सुना होगा जल ही जीवन है, पानी के बिना जीवित रहना सम्भव नहीं है| पृथ्वी पर 70 प्रतिशत जल है जिसमे से केवल 3 प्रतिशत पानी ही पिने योग्य है, बाकि सब पानी समुद्र में पाया जाता है जो पिने के लायक नहीं है। पृथ्वी पर जनसँख्या के मुकाबले बहुत कम पानी पिने योग्य है| ऐसे कई सारे देश है जहां पर पिने का पानी ही नहीं होता| इस पिने योग्य पानी में भी गंदे नालो का पानी मिल जाता है इससे यह प्रदूषित हो जाता है |
आपको बता दें की पृथ्वी पर एक ऐसी जगह है जहां दुनिया का सबसे मीठे पानी की झील है | लेक बयकाल झील जो की रूस में स्थित है जो की दुनिया की सबसे गहरी और प्राचीन झील है | एक रिपोर्ट में बताया गया है यह झील 3 करोड़ साल पुरानी है, और इस बयकाल झील की औसत गहराई 744.40 मीटर है |
लेक बयकाल झील को दुनिया की सबसे मीठे पानी वाली झील भी कहा जाता है | इसमें अगर बर्फ के पानी और जमीं के अंदर के पानी को छोड़ दिया जाये तो दुनिया की सतह पर मीठा पानी का 20 प्रतिशत पानी लेक बइकाल की झील में ही है| यह मीठी लेक बयकाल झील” रूस के साइबेरिया क्षेत्र के दक्षिण भाग में इरकुत्स्क ओबलस्त में स्थित है। यह रूस के दो राज्य की सीमा को जोड़ती है। यूनेस्को ने लेक बयकाल झील को प्राकृतिक विरासत माना है, आपको बता दें की लेक बयकाल झील कि कुल लम्बाई 636 किलोमीटर है इस झील में मौजूद पानी पिने लायक है और यह दुनिया में पीने लायक पानी का 5 वा हिस्सा है |
इस झील में ऐसे जिव और वनस्पतिया है जो दुनिया के किसी और जलाशय में नहीं है | इसका पानी दुनिया की झीलों से अच्छा और साफ है | इसका आकार एक पतले और लम्बे चाँद के जैसा है | इस झील में अरबों डॉलर का सोना पड़ा हुआ है ऐसा माना जाता है, की साइबरया का एक शाशक यहाँ से ट्रेन से गुजर रहा था | उसी दौरान इस झील में सारा सोना गिर गया | यह दुनिया की बड़ी झीलों मे से एक है, आज के समय यह झील प्राकृतिक वरदान है |