शांत रहने वाले अटल बिहारी वाजपेयी आखिर क्यों?…..एक बार अपने दफ्तर में भड़क गए….

अटल बिहारी वाजपेयी देश के जाने-माने राजनेता के साथ ही भारत के दसवें प्रधानमंत्री भी थे। एक खास व्यक्तित्व के धनी थे। जिनके व्यक्तित्व से पक्ष ही नहीं विपक्ष भी प्रभावित रहा करता था। जिससे उनकी और भी ज्यादा इज्जत होती थी।

अटल बिहारी वाजपेयी पक्के इरादों वाले और सिद्धांतों पर चलने वाले व्यक्ति थे। वह राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बीच हमेशा अपने ऊपर संयम रखते हुए कार्य करते थे और अपने मुंह से कभी भी विपक्षियों के लिए कोई अपशब्द नहीं बोले थे। जिस कारण विपक्ष के कई नेता उनके इस व्यवहार से बहुत प्रभावित रहते थे। वाजपेयी जी कवि और लेखक भी थे।

अटल जी से जुड़ा कई किस्सा है जिसमें विपक्ष के प्रति सम्मान और श्रद्धा हमेशा ही दिखता था और विपक्ष भी उनके इस सम्मान और श्रद्धा को मानते थे। इसीलिए उनका आदर सम्मान भी करते थे। देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी अटल जी के बेहद करीबी होने के साथ-साथ बड़े प्रशंसक भी थे।

जब अटल जी लोकसभा में भाषण व सदन की कार्यवाही में अपना मत रखते थे तो नेहरु जी काफी ज्यादा प्रशंसा करने के साथ ही प्रभावित भी हुआ करते थे। नेहरू जी के समय जब तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री भारत के दौरे पर आए थे तो उस समय नेहरु जी ने अटल जी का परिचय बड़े खास तरीके से कराया था उन्होंने कहा कि यह विपक्ष के उभरते हुए नेता हैं।

अटल बिहारी वाजपेयी जब विदेश मंत्री बने और अपना कार्यभार संभालने के लिए साउथ ब्लॉक स्थित दफ्तर पहुंचे तो वहां जवाहरलाल नेहरु की फोटो फटी हुई दिखी और इसे देखकर वह काफी ज्यादा भड़क गए इसके बाद उन्होंने आदेश दिया कि यहां जल्द से जल्द नेहरू जी की नई तस्वीर लगाई जाए।

उनके इस कार्य से वहां मौजूद लोग काफी प्रभावित हुए और उन्होंने उनसे सीखा भी कि विपक्ष नेता होते हुए भी वह लोगों का कैसे सम्मान करना नहीं भूलते थे।
आपकी क्या राय है अटल बिहारी वाजपेयी के विषय में कमेंट कर हमें जरूर करें.

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