उत्तराखण्ड की वो कुछ शानदार नज़ारे जहाँ देखने को मिलता है, कुदरत का करिश्मा
यदि आपको कही बाहर घूमने का प्लान करना है तो एक बार बाबा भोलेनाथ के धाम उत्तराखंड में जरूर जाये ये रहे देवभूमि उत्तराखण्ड के कुछ खास 4 जगह जहा पर जरूर जाएँ वहां जाने से दिल को एक सुकून मिलता है ऐसा कहा जाता है की उत्तराखंड में बाबा भोलेनाथ निवास करते है इस स्थान तीर्थस्थल भी मन जाता है। भारत में ऐसे कुछ ही गिने चुने जगह हैं जिसमे उत्तराखण्ड काफी मशहूर है ।
आईये जानते हैं कौन सी है वो 4 जगहें जहाँ जाने से पुण्य के साथ साथ सुकून की भी प्राप्ति होती है । उत्तराखण्ड में घूमने के लिए सबसे अच्छा महीना मार्च और अप्रेल का होता है। कहा जाता है इन महीनो में वहां का मौसम बहुत ही अद्भुत होता है। ये रहे कुछ स्थान ।
1. घंगारिया (Ghangaria)-
उन 4 जगहों में शामिल घंगारिया सबसे पहला जगह है। घंगारिया एक गांव का नाम है उत्तराखंड के चमोली नमक जिले में बसा हुआ है। ये बड़े बड़े पहाड़ो से घिरा एक छोटा सा खूबसूरत गांव है। जब बर्फ के चादर हट जाते हैं तब इन दृश्यों का नजारा देखने में अलग ही आनद मिलता है। यहाँ आने का अबसे अच्छा महीना मार्च और अप्रेल का माना जाता है ।
2. चौकोरी (Chaukori)-
घंगारिया के बाद उत्तराखंड की दूसरी सबसे अच्छी जगहों में से एक चौकोरी है। इस स्थान से आपको जन्नत नजारा देखने को मिलता है इन जगहों पर कपल्स का आना जाना ज्यादा रहता है हनीमून के लिए भी ये जगह बहुत ही अच्छा माना जाता है।
3. रामनगर (Ramnagar)-
उत्तराखंड का तीसरा सबसे अच्छा जगह माना जाता है रामनगर नैनीताल जिले में बसा एक सुन्दर सा गांव है। जो हरे भरे जंगल से भरा हुआ है। जो जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का प्रवेश द्वार है यहाँ पास में ही दो मंदिर स्थित है। जहाँ माँ गिरिजा देवी मंदिर का भव्य नजारा जो श्रद्धालुओं का आकर्षित करता है।
4. रानीखेत (Ranikhet)-
रामनगर के बाद रानीखेत आता है रामनगर की तरह रानीखेत भी जंगल से हरा भरा है इस जगह का नाम रानी पद्मिनी की नाम पर पड़ा है कहा जाता है रानी पद्मिनी को यह जगह बहुत ही ज्यादा पसंद आया था रानीखेत राजशाही जगहों मेसे एक है।
5 . केदारनाथ और बद्रीनाथ महादेव मंदिर
उत्तराखण्ड के सबसे मशहूर बाबा केदारनाथ का मंदिर है यहाँ पर जाने से जिंदगी के सभी दुःख और कष्ट हल हो जाते है । जिंदगी का सबसे सुकून इन्ही के दरबार में मिलता है । ये मंदिर भगवान शिव का है ।यह मंदिर 85 फुट ऊंचा, 187 फुट लंबा और 80 फुट चौड़ा है। मंदिर में मुख्य भाग मंडप और गर्भगृह के चारों ओर प्रदक्षिणा पथ है। बाहर प्रांगण में नंदी बैल वाहन के रूप में विराजमान हैं