राजनीति में कई उतार चढ़ाव देखने को मिलते है, इस वर्ष बिहार में अब तक का सबसे बड़ा पारिवारिक सियासी संग्राम शुरू हुआ है। जिसमे चाचा और भतीजे के बिच विवाद शुरू हो गया है। क्या है? यह विवाद हम आपको बताने जा रहे है।
रामविलास पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी में नाराजगी का सिलसिला पुराना है। चिराग को अध्यक्ष बनाए जाने से नाराज चल रहे थे, पशुपति पारस। इस पार्टी में टूट के सूत्रधार पशुपति पारस है। इस विवाद के बिच उन्होंने जो पुरानी चिट्ठियां जारी की हैं, उससे यह विवाद गहराया है | यह चिट्टिया पुरानी है जो चिराग ने अपने चाचा पशुपति पारस को लिखी थी। यह 29 मार्च 2021 की पुरानी चिट्ठी है जिन्हे वर्तमान में उन्होंने ट्विटर पर सार्वजनिक कर दी है। जिसके बाद से यह विवाद और बढ़ गया ।
इस चिट्ठी के द्वारा बताया गया है की ‘2019 में रामचंद्र चाचा के निधन के बाद से ही आपमें बदलाव देखा और वह बदलाव आज भी वैसा ही है। चाचा के निधन के बाद प्रिंस की जिम्मेदारी चाची ने मुझे दे दी, और उसके साथ कहा की आज से मैं ही प्रिंस के लिए पिता समान हूं। प्रिंस को अध्यक्ष पद देने से पार्टी में सभी लोग खुश थे, लेकिन आपके विरोध से मुझे तब पीड़ा हुई जब आप इस फैसले के विरोध में गए।
NBT की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने इस विवाद के बारे में बताया था, जिसके बाद इस पूरी खबर पर खुद माँ ने सबूतों के साथ मुहर लगा दी है। चिराग पासवान ने 24 घंटे के बाद चाचा को घेरने के लिए उनके पास की चिट्टियो को उन्होंने अपने ट्वीट के माध्यम से सार्वजनिक कर दिया। उनका कहना है की ‘ पार्टी माँ के समान होती है और माँ से धोखा नहीं करते।’ इस बात से साफ़ जाहिर है की, चिराग अपने चाचा पर बादलों की तरह बरस पड़े है।
पशुपति का अगला कदम
राजनीती में कोई किसी से कम नहीं होता है, इसी बीच पशुपति पारस ने भी अपना अगला कदम बढ़ा दिया है, संसदीय दल के नेता के बाद अब चिराग पासवान को एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया है। यह सब उन्हें इस ट्वीट के बाद किया गया है। वर्तमान में सूरजभान सिंह को LJP का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।
जानकारी के अनुसार अगले दो से तीन दिनों में पटना में मीटिंग कर पशुपति पारस को एलजेपी का नया अध्यक्ष बना सकते है। लेकिन यहां पर उनके सामने समस्या यह है की, राष्ट्रीय कार्यसमिति में चिराग पासवान के समर्थकों का बहुमत है। और पारस को कागजी कार्रवाई पूरी करनी होगी तभी वह इस पद के लिए चुनाव आयोग के सामने LJP पर दावा पेश कर पाएंगे। अब देखना यह है की आगे इस पार्टी में क्या होता है।