चाणक्य नीति के अनुसार यह पांच लोग आपके दुखों का कारण बनते हैं

These five people cause your misery

आचार्य चाणक्य नीतियां हमेशा से व्यक्ति के जीवन से जुड़ी होती हैं। यह चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री होने के साथ ही काफी प्रसिद्ध व्यक्ति थे। जिनके पास ज्ञान का भंडार था। वह हर चीज पर अच्छे तरीके से तर्क वितर्क लगाकर अच्छा बुरा जरूर सोचते और समझते थे। उनकी तर्कसंगत बातें आज भी जीवन में लोग अपनाते हैं। उनका अनुकरण करके अब निश्चित ही सफलता पा जाएंगे। आचार्य चाणक्य नीति के अनुसार कुछ मनुष्य आपके दुखों कभी नहीं समझ सकते हैं:-

*यह नहीं समझ सकते आपके दुख को-

आचार्य चाणक्य के अनुसार जो दूसरों का दुख कभी नहीं समझ सकते यह लोग हैं:- राजा, यमराज, अग्नि, चोर, छोटा बच्चा, भिखारी और कल वसूलने वाला।

*यह मनुष्य पशु के समान है-

चाणक्य के अनुसार निम्न स्तर के प्राणियों में खाना, सोना, घबराना और घमंड करना एक समान ही है। अगर मनुष्य श्रेष्ठ है तो वह अपने बुद्धि विवेक और ज्ञान से परिस्थिति संभालते हैं। जिन मनुष्य के पास ज्ञान नहीं होता वह पशु के समान होते हैं।

*उन व्यक्तियों के लिए धरती स्वर्ग है-

जिस व्यक्ति की पत्नी प्रेम भाव रखने वाली और सदाचारी हो, उसके पास संपत्ति है, उसका पुत्र सदाचारी है और अच्छे गुण वाला है, तो ऐसे व्यक्ति के लिए धरती ही स्वर्ग के समान है।

*संकट को वही होता है-

जिसमें सभी जीवों के प्रति परोपकार की भावना हो, संकट को भी वही हरता है। उसे हर कदम पर है सभी तरह की संपन्नता प्राप्त होती है।

*मिलती है संतुष्टि सम्मान देने से-

चाणक्य के अनुसार हाथ की शोभा गहनों से नहीं बल्कि ध्यान से होती है। शरीर की शोभा लेप से नहीं नहाने से होती है। भोजन खिलाने से नहीं बल्कि सम्मान देने से संतुष्टि होती है।

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