दुनिया में बहुत से अजीबो गरीब व्यक्ति भी हैं जो अपनी अचंभित कर देने वाली आदतों से लोकप्रिय हो जाते हैं आज के जमाने में विश्व भर में ज्यादातर हिस्सों में लोकतंत्र का शासन हो गया है लेकिन कहीं-कहीं अभी भी राजतंत्र चलता है ऐसा ही एक देश से ब्रूनेई जो मलेशिया और इंडोनेशिया के बीच में एक छोटे से द्वीप ब्रो प्रो न्यू दूरी पर स्थित है और इस देश का सुल्तान हसनल बोल्कियाह है
यह किसी भी राजशाही में सबसे ज्यादा वक्त तक शासन करने वाला वाले शख्स हैं। इन्होंने 2017 में अपने शासनकाल का 50 साल पूरा किया है। सुल्तान ब्रूनेई ने 1967 में शासन संभाला था। संपदा की दृष्टि से दक्षिण पूर्व एशिया का यह काफी धनी देश है। पिछले 50 साल से यह राजा शासन कर रहे हैं।
राजा हसमन का जन्म
सुल्तान का जन्म जुलाई 1956 को ब्रुनेई कस्बे के इस्ताना दारुस्सलाम में हुआ था। जन्म के समय उनका नाम पेंगिरान मुदा हसनल बोल्कियाह था। इन्होने महज 21 साल की उम्र से ही ब्रुनेई की राजगद्दी संभाली। यह राजपरिवार यहां पिछले 600 साल से आजतक राज कर रहा है हालांकि यहां राजतंत्र ही छाया हुआ है आपको यह भी जान कर आश्चर्य होगा कि ब्रूनेई का शाही पैलेस दुनिया के सबसे बड़े महलों में से एक है।
दुनिया के सबसे बड़े शाही महल
इस महल में 25 सौ से भी ज्यादा कमरें हैं। यह महल करीबन 20 हजार स्क्वायर फीट में फैला हुआ है जिसकी कीमत 2387 करोड़ रुपए के लगभग है। पैलेस के ऊपरी भाग को 22 कैरेट सोने से बनाया गया है इस महल में 257 बाथरूम है और पांच स्विमिंग पूल है। इसके अलावा लगभग 7000 कारें हैं जिसमें लग्जरी स्पॉट लिमिटेड एडिशनल और विंटेज कारें शामिल हैं इन कारों की कीमत लगभग 3400 करोड़ रुपए के करीब है सुल्तान के कार कलेक्शन में चार करोड़ वाली 604 रोल्स रॉयल कार भी हैं।
सुल्तान का भारत दौरा
अगर सुल्तान की बात की जाए तो 71 साल के हो चुके हैं और वह भारत के 69 वें गणतंत्र दिवस में भी विशेष मेहमान बन कर आ चुके हैं। इस दौरान वह भारत में काफी चर्चा के विषय बने हुए थे क्योंकि सभी दुनिया के सबसे अमीर सुल्तान को देखना चाहते थे। सुल्तान ब्रूनेई से खुद प्लेन उड़ा का दिल्ली पहुंचे थे जिनका अंदाजा भी किसी को नहीं लगा था।
जहाज उड़ाने के शौकीन
सुल्तान जहाज उड़ाने के बहुत ही शौकीन है इसी कारण उन्होंने भारत के दौरे पर खुद ही अपना प्लेन उड़ा कर आएं। इसके अलावा भी सन 2008 और 2012 में वह भारत आए थे तो भी अपना जहाज खुद ही उड़ा कर आए थे। सुल्तान के पास 747 से 400 जंबोजेट को उड़ाने के लिए पायलटों की टीम भी हैं।