दिनेश एम एन वह नाम जो किसी के लिए एक मिसाल बन जाए। अपने कारनामों से लोगों के दिलों में राज करते हैं और यह राजस्थान के सिंघम के रूप में भी जाने जाते हैं जिन्होंने भ्रष्टाचार में जुड़े कई अफसरों को सलाखों के पीछे डाल कर लोगों के दिलों में एक डर बना दिया इनका तबादला जहां होता है वहां अपराधी खौफ से कांपने लगते हैं। इस समय यह राजस्थान में आई जी के पद पर तैनात हैं। आइए जानते हैं रियल लाइफ के सिंघम के बारे में दिनेश एय एन एक दबंग और ईमानदार आईपीएस अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं उन्होंने अपने कैरियर में बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कई बार अपनी जान को जोखिम में डालकर उन्होंने कई कुख्यात बदमाशों को जेल में डाला है। दिनेश एसीबी में रहते हुए कई भ्रष्ट तंत्र से जुड़े अधिकारियों को भी नहीं छोड़ा और उनको भी उन्होंने सलाखों के पीछे पहुंचा कर दम लिया ऐसे कार्य करने में उन्हें बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है यहां तक कि उन्हें अपनी जान को जोखिम में भी डालना पड़ता है, षलेकिन दिनेश इन सब कठिनाइयों को पीछे छोड़ते हुए अपने कार्य के प्रति इतने ईमानदार हैं कि उन्होंने कई भ्रष्ट अफसरों को जेल में डाला है और लोकतंत्र में यह साबित कर दिया है कि अगर उनके रहते कोई भ्रष्टाचार से लिप्त हुआ तो वह किसी को छोड़ेंगे भी नहीं इसीलिए उन्हें रियल लाइफ सिंघम के नाम से जाना भी जाता है रियल सिंघम जिन्होंने कई बड़े-बड़े ऑफिसरों, नेताओं को घूस लेते हुए पकड़ा है आइए जानते हैं उनके इन बड़े-बड़े कारनामों के विषय में एक छोटी सी जानकारी….
1- भारत भूषण गोयल दिल्ली जयपुर मार्ग पर स्थित शाहपुरा सब डिविजनल मजिस्ट्रेट भारत भूषण गोयल कृषि उद्यान में से तय 25 लाख रुपए रिश्वत लेते दिनेश एमएन ने रंगे हाथों पकड़ा था।
2- आबकारी स्पेक्टर पूजा यादव को शराब की दुकान अलॉट करने के लिए ₹40000 का घूस लेते हुए पूजा यादव को रंगे हाथों पकड़ा था और इतना ही नहीं उन्होंने उनके घर से ₹500000 और दूसरे राज्यों से लाई गई शराब की 19 बोतलें भी बरामद की थी।
3- राजस्थान हाईकोर्ट ने दिनेश एमएन को हिंगोनिया गौशाला में हुए चारा घोटाले की जांच पड़ताल के लिए जिम्मेदारी दी और दिनेश ने यहां से 8 अधिकारियों को गिरफ्तार किया इस चारा घोटाले में संदिग्ध होने के लिए गिरफ्तार किया।
4- जयपुर नगर निगम के दो अधिकारियों को दिनेश एमएन ने जयपुर के मालवीय नगर इलाके में मकान के निर्माण की मजदूरी के लिए 70000 घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था।
5-दौसा एसडीएम पुष्कर मित्तल व बांदीकुई एसडीएम पिंकी मीणा को मुम्बई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने वाली कंपनी से पांच लाख की रिश्वत मांगने के आरोप में पकड़कर जेल भेजवाया।
6- आरपीएस कैलाश चंद बोहरा ने रिश्वत में दुष्कर्म पीड़िता के मामले में मदद करने के नाम पर उसकी अस्मत ही मांग ली। वही मार्च 2020 में आरपीएस कैलाश चंद बोहरा जयपुर कमिश्नरेट में महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट में तैनात एसीपी पर तैनात था। उन्होंने पीड़िता को मिलने के लिए अपने कार्यालय में बुलाया था। तभी एसीबी ने इसे पकड़ लिया।
7- एसीबी ने आठ जनवरी 2021 को सपात खान डीएसपी अलवर ग्रामीण व कांस्टेबल असलम खान को तीन लाख की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था।इन्होंने एक परिवादी से उसके खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज मुकदमों में मदद के नाम से यह घूस ली थी।
8- जयपुर में जमीन की वैधानिक मंजूरी देने के लिए विकास प्राधिकरण के चार अधिकारियों को खुलेआम रिश्वत मांगते हुए एसीबी ने उनके ऊपर शिकंजा कसा था लेकिन एक समय ऐसा भी आया कि इस ईमानदार ऑफिसर को जेल में जाना पड़ा। साल 2005 में सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में दिनेश की गिरफ्तारी हुई और उन्हें जेल भेजा गया।सोहराबुद्दीन के साथ ही उनकी बीवी कौसर बी और साथी तुलसी प्रजापति मुठभेड़ में मारे गए थे तब दिनेश उदयपुर के एसपी थे इस घटना के साल भर बाद एसीबी में रहते हुए दिनेश राजस्थान के सबसे बड़े खान महा घूस कांड का पर्दाफाश करने में कामयाब हुए और इसमें प्रमुख सचिव खदान अशोक सिंघवी को गिरफ्तार किया।दिनेश ने कई गिरोह का भंडाफोड़ा था। दिनेश एम एन के ऐसे बड़े कारनामे देखते हुए उन्हें लोग रियल लाइफ सिंघम करते हैं।ऐसा बहुत कम ही होता है जब कोई अपनी जान को जोखिम में डालकर भ्रष्ट लोकतंत्र को साफ करने में अपने आप को समर्पित कर दिया हो। अगर दिनेश एमएन से सभी पुलिस ऑफिसर और पूरी जनता सीख ले तो हमारे देश से भ्रष्ट नेताओं का और भ्रष्ट अधिकारियों का सफाया होने में ज्यादा दिन नहीं लगेगा और हम एक निस्वार्थ सेवा वाले लोकतंत्र की स्थापना कर पाएंगे।