कई दिनों से सोशल साइट्स पर खबर फैल रही है कि सोशल मीडिया, Twitter, Facebook, Instagram और WhatsApp को सरकार बंद कर रही है. खबर फैलते ही memers कूद के लोगों को एंटरटेन करने लगे।
क्या है हक़ीक़त आइए जानते हैं।
भारत सरकार के नए आईटी नियमों (IT Rules) के खिलाफ Facebook के मालिकाना हक वाला WhatsApp अदालत पहुंच गया है. वहीं सरकार ने सभी कंपनियों को नोटिस भेजकर पूछा है कि नियम का पालन अब तक क्यों नहीं किया गया?
ऐसा कौन सा विवाद चल रहा है सोशल कंपनियों और सरकार के दरमियाँ
सरकार और सोशल मीडिया कंपनियों के बीच नए आईटी नियमों (IT Rules) को लेकर विवाद थम नहीं रहा है. इस बीच सोशल मीडिया पर यह चर्चा भी खूब हो रही है कि नए आईटी नियमों को नहीं मानने पर फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्किंग साइट्स बंद हो सकते हैं. तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ये विवाद क्या है?
सरकार और सोशल मीडिया कंपनियों के बीच विवाद नए आईटी नियमों की वजह से शुरू हुआ है, जिन्हें भारत सरकार ने 26 मई से लागू कर दिया है. 25 फरवरी 2021 सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को 3 महीने का समय दिया था नए नियमों को लागू करने के लिए.
नए नियमों के अनुसार, WhatsApp और Facebook जैसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए भेजे और शेयर किए जाने वाले मैसेजेस के ओरिजनल सोर्स को ट्रैक करना जरूरी है. यानी अगर कोई गलत या फेक पोस्ट वायरल हो रही है तो सरकार कंपनी से उसके ऑरिजनेटर के बारे में पूछ सकती है और सोशल मीडिया कंपनियों को बताना होगा कि उस पोस्ट को सबसे पहले किसने शेयर किया था.
नए नियमों के अनुसार, सोशल मीडिया कंपनियों को किसी पोस्ट के लिए शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी. इसके लिए कंपनियों को तीन अधिकारियों (चीफ कॉम्प्लियांस ऑफिसर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेसिडेंट ग्रेवांस ऑफिसर) को नियुक्त करना होगा. ये अधिकारी भारत के मूल निवासी होने चाहिए और इनका कॉन्टेक्ट नंबर सोशल मीडिया वेबसाइट के अलावा ऐप पर होना अनिवार्य है, ताकि लोग शिकायत कर सकें. इसके साथ ही अधिकारियों के लिए शिकायत का अपडेट देने के लिए 15 दिन समयसीमा भी तय की गई है. कंपनियों को पूरे सिस्टम पर नजर रखने के लिए स्टाफ रखने को कहा गया है.
नए आईटी नियमों (IT Rules) का सरकार ने बचाव किया है और कहा कि इसमें किसी की निजता का हनन नहीं होगा. सरकार का कहना है कि नए आईटी नियमों के तहत देश की संप्रभुता या सार्वजनिक व्यवस्था और देश की सुरक्षा से जुड़े ‘गंभीर अपराध’ वाले संदेशों को रोकने या उसकी जांच के लिए ही उनके मूल स्रोत की जानकारी मांगने की जरूरत है.
WhatsApp ने नए आईटी नियमों (IT Rules) को लेकर भारत सरकार के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में केस दायर कर नियमों को रोकने की मांग की गई है. WhatsApp का कहना है कि नए नियमों से यूजर्स की प्राइवेसी प्रभावित होगी. ये एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को तोड़ देगा और लोगों के निजता के अधिकार को कमजोर कर देगा.
अब सवाल है कि नए नियमों को मानने से WhatsApp को क्या नुकसान होगा. दरअसल, नए नियमों के तहत WhatsApp को यूजर्स के सभी मैसेजेस को ट्रेस करना होगा और ऐसा करने से लोगों का WhatsApp से भरोसा उठ जाएगा. WhatsApp का कहना है कि चैट ट्रेस करना एक तरह से वैसे ही है जैसे हमारे यूजर्स के फिंगरप्रिंट की जानकारी मांगी जा रही हो.
नए आईटी नियमों (IT Rules) के खिलाफ WhatsApp कोर्ट पहुंच गई है, लेकिन गूगल और फेसबुक का कहना है कि वे नए नियमों का पालन करने की कोशिश कर रहे हैं. फेसबुक ने कहा कि हम नए नियमों का पालन करने के लिए सुधार करने की ओर काम कर रहे हैं.
अगर कंपनियां नए नियमों को नहीं मानती हैं तो उन पर मौजूदा आईटी एक्ट (IT Act) के तहत ही ऐक्शन होगा. हाल ही में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि ये कोई कानून नहीं है और ये सिर्फ गाइडलाइन हैं. अगर सोशल मीडिया कंपनियां नई गाइडलाइन को फॉलो नहीं करती हैं तो उन पर मौजूदा आईटी कानून के तहत ही कार्रवाई होगी.
भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग साइट Koo App ने सरकार की गाइडलाइन को लागू कर दिया है.
वहीं माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter ने केंद्र सरकार की तरफ से नई गाइडलाइन को लागू करने के लिए छह महीने का समय मांगा है.