पिछले डेढ़ साल से चल रही महामारी में कई लोंगो की तस्वीरें आपने देखि होगी जिसमे कोई गाडी पर कोई सइकिल पर तो कोई कंधो पर अपने मरीजों के ले जा रहा है। ऐसी ही एक तस्वीर हम आपको बताने जा रहे है, जिसमे एक बहु अपने ससुर को कंधे पर हॉस्पिटल ले जा रही है। जहाँ एक तरफ दिल दे-हला देने वाली घटनाएं सामने आई है, तो इस तरह की कुछ ऐसी घटनाएं भी है जो आज एक मिसाल बन गयी है !
बुरे वक्त में कैसे एक दूसरों के काम आया जाए ये भी हमने इस महामारी में देखा है। असम के राहा के भाटीगांव से एक बहू अपने कोरोना से संक्रमित ससुर को कंधे पर उठाकर अस्पताल ले गई, क्युकी उसका पति उस समय घर पर नहीं था वह कही दूसरे शहर नौकरी करता है। 75 वर्षीय थुलेश्वर दास बेटे की अनुपस्थिति में बहू निहारिका ही अपने ससुर की देखभाल करती है। थुलेश्वर दास कोरोना से संक्रमित हो गए तो डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने का सुझाव दिया, उसने मदद के लिए उस समय लोगो को खोजने की कोशिश की लेकिन कोई नहीं मिला। उसका घर अस्पताल से कुछ दूरी पर था, निहारिका ने ससुर को ले जाने के उठा लिया और उठाकर वह उन हॉस्पिटल तक ले आयी। ताकि उनका इलाज समय पर हो सके।
खुद भी हो गईं कोरोना संक्रमित
निहारिका ने अपने कंधों पर ससुर को उठाया और दुरी का पालन नहीं कर सकी, जिसके कारण निहारिका भी कोविड से ग्रस्त हो गई। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी ने उन्हें covid सेन्टर ले जाने कहा, निहारिका को अपने घर पर ही रहकर इलाज कराने का सुझाव दिया। निहारिका ससुर को अकेले अस्पताल में छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुई, जिसके बाद डॉक्टर संगीता धर और एक स्वास्थ्यकर्मी पिंटू हीरा ने दोनों का शुरुआती इलाज करने के बाद एम्बुलेंस से नगांव भोगेश्वरी फुकनानी सिविल अस्पताल भेज दिया।
निहारिका दास ने अपने पति के ना होने पर ससुर के प्रति मुश्किल समय में जिस तरह की उत्तरदायित्व का परिचय दिया है, वह आज के समय में लोगो के लिए मिसाल बना हुआ है। सोशल मीडिया पर निहारिका की कहानी वायरल हो रही है, और उसकी काफी तारीफ की जा रही है।