भांग एक ऐसा नाम जो की सभी नशाओ में सबसे प्रचलित मानी जाती है वैसे तो भांग एक नशा है उसका सेवन करना गलत बात है । क्यू की कोई भी नशा हमेशा नशा शरीर के लिए नुकसानदायक ही होती है । मगर इस नशा की की कहानी भगवन शिव से ही शुरू है भगवन शिव के लिए सबसे अत्यधिक प्रिय भांग की नशा है । और इसके सेवन के बाद भोजन बहुत का अधिक सेवन किया जाता है । और आपके पाचन तंत्र को बनाये रखता है । औसह्धियो में भी इसका उपयोग किया जाता है ।
होली पर भांग की परंपरा कब से शुरू हुई
होली पर भांग के सेवन की परंपरा भगवन शिव के और माता पार्वती के दाम्पत्य जीवन के सुख लेने के लिए माता पार्वती ने एक तीर से पुष्प की वर्षा कराइ तो भी नहीं जागे तो उन्होंने भांग की वर्षा की तब उसको घोल के उनके ऊपर नहला दिये तब वो खुश हो गए जिससे शंकर भगवान खुस हुए और उसी समय से भगवान शंकर को होली के दिन शंकर भगवान का स्मरण करके भांग का सेवन करते है । यह एक घटना है जिसका उल्लेख शिवपुराण में किया गया है ।
भांग की उत्पत्ति
इसकी उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान जो अमृत निकला था, उसको निकलते समय एक बून्द मदार पर्वत पर गिर गई . इसी बूंद से एक पौधा पैदा हुआ, जिसे हम भांग के रूप में जानते है ।
कैसे करे भांग का सेवन
भांग का सेवन कई प्रकार से किया जाता है मगर इसका सेवन करने का सही तरीका दूध में बादाम, पिस्ता और काली मिर्च के साथ थोड़ी सी भांग मिलाकर बनाई जाने वाली ठंडई बेमिसाल स्वाद और लाजबाब होता है ।
आखिर क्यों पसंद है भगवन शिव को भांग
कहा जाता है की समुद्र मंथन के दौरान जब भगवान शिव विष को ग्रहण किये थे तब उनको इस बिष का असर होने लगा बेचैनी के कारन उन्हें इसकी पट्टी का रस पान कराया गया उस समय से इनका नाता भांग से जुड़ा है
एक बात और जाना जाता है भांग के बिषय में जब अमृत की एक बून्द मदार पर्वत पे गिरी तब वहां भांग की उत्पत्ति हुई । उस पैधे के पत्तियों के राश को निचोड़ कर सभी देवता लोग सेवन किये जिसमे भगवन शिव को यह अत्यधिक प्रिय लगी ।