संजय गांधी की मौत पर राहुल गांधी का बड़ा खुलासा, पिता की बात मान लेते तो नहीं होती मौत…

पिता की बात मान लेते तो नहीं होती मौत…

अपने बयानों के चलते अक्सर सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एक बार फिर सुर्खियां बटोर रहे हैं लेकिन इस बार मुद्दा उनका किसी पार्टी या किसी बयानबाजी की वजह से नहीं बल्कि उनके चाचा संजय गांधी को लेकर एक बड़ा बयान है बयान ये है कि राजीव गांधी की तरह संजय गया दही को भी प्लेन उड़ाने के भेद शौकीन थे वही शौक राहुल गांधी भी लिए पैदा हुए हैं राहुल गांधी भी प्लेन उड़ाने के बहुत शौकीन हैं.

बताते चलें कि प‍िता राजीव गांधी को याद करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि उनका मानना है कि पायलट होने से सार्वजनिक जीवन में भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है और बड़े स्तर पर चीजों को देखने का नज़रिया भी विकसित होता है। इतना ही नहीं कांग्रेस पार्टी के ऑफिसियल सोशल मीडिया अकाउंट पर गुरुवार को शेयर क‍िए गए वीडियो में राहुल गांधी ने बताया क‍ि जिस दिन राजीव के भाई संजय गांधी यानी राहुल गांधी के चाचा का विमान दुर्घटना में निधन हुआ था, उस दिन राजीव गांधी ने उन्हें विमान उड़ाने से मना भी किया था।

गौरतलब हो कि हाल में भारतीय युवा कांग्रेस की ओर से आयोजित राजीव गांधी फोटो प्रदर्शनी में बनाए गए पांच मिनट से अधिक के वीडियो में राहुल गांधी ने अपने पिता के साथ प्‍लेन में बिताए गए पुराने समय को याद करते हुए उन्होंने बताया कि वो और उनके पिता सुबह सुबह ही प्लेन उड़ाने के लिए निकल पड़ते थे

बता दें कि इस वीडियो में न केवल अपने पिता बल्कि अपने चाचा संजय गांधी को भी याद किया और साथ ही साथ ये भी बताया कि जिस दिन उनके चाचा की भीषड़ विमान दुर्घटना हुई थी उस दिन उनके भाई राजीव ने उन्हें पिट्स जैसे आक्रमक विमान को उड़ाने से मना भी किया था लेकिन चाचा संजय नहीं माने यदि वो अपने बड़े भाई की बात उस दिन मान गए होते तो आज ज़िंदा होते.

इसके अलावा राहुल ने कहा कि जब एक पायलट विमान उड़ाता है, तब उसकी कल्पनाशीलता रोड, रेलवे लाइन द्वारा अवरुद्ध नहीं होती। उनकी कल्पनाशीलता 30 हजार फुट की ऊँचाई पर होती है, इसलिए उनकी क्षमता भी बड़े तंत्र को देखने की हो जाती है.

साथ ही साथ राहुल ने कहा कि विमान उड़ाने का जितना अनुभव उनके पास है 300-350 घंटे, उतना ही चाचा संजय गांधी के पास भी था। संजय गांधी भी विमान उड़ाने के शौकीन थे हालांकि 23 जून, 1980 को एक विमान दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी। वहीं राहुल ने एक फोटो को देखकर पुराने दिनों को याद करते हुए यह भी बताया कि पिता अक्सर उन्हें कॉकपिट में बिठाते थे और तमाम सवालों का जवाब देते थे। राहुल ने कहा कि सोनिया गांधी कई बार पिता के प्लेन उड़ाने पर चिंतित हो जाती थीं। जैसे एक पत्नी अपने पति के लिए चिंतित होती है।

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