सड़क किनारे किलो के हिसाब से बिक रहे हैं नोट – जितने चाहे खरीद लो

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आपने हमेशा सुना होगा और खुद बहु कहा होगा कि पोसे सब खरीदा जा सकता है या पैसे से हर ऐसो आराम कमाया जा सकता है लेकिन क्या आपने कहीं ये सुना था कि पैसा ही खुलेआम सड़कों पर बिकता है नहीं तो आइए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में बताते हैं कि क्यों और कैसे यहां सड़कों पर पैसा बिकता है।

सड़क किनारे किलो के हिसाब से बिक रहे हैं नोट - जितने चाहे खरीद लो -  Himachali Khabar Hindi | DailyHunt
कहा जाता है दुनिया में हर चीज पैसों से खरीदी जा सकती है। कुछ लोग दिन रात मेहनत करके पैसा कमाते हैं तो कुछ लोग गलत तरीके से पैसे कमाने का जरिया बना लेते हैं। और फिर इसमें फँस कर बाद में अपराध कर बैठते हैं। पैसा हर कोई कमाना चाहता है जिससे वह अपनी जरूरत की चीजों को पूरा कर सकें। कुछ लोगों को अपने परिवार के लिए पैसे की जरूरत होती है तो कुछ लोग ऐसो आराम के लिए पैसा कमाते हैं और उड़ाते हैं। हम आपको बता दें दुनिया में ऐसी जगह भी है जहां पर पैसे के लिए ना कोई अपराध होता है ना ही इसके पीछे कोई भागता है। सीधे सरल शब्दों में कहा जाए तो यहां पर पैसे बिकते हैं। सड़क किनारे किलो के हिसाब से बिक रहे हैं नोट - जितने चाहे खरीद लो - Jai  Bharat

अफ्रीका के सोमाली लैंड पूरी दुनिया का एक ऐसा देश है जहां के लोग पैसो के पीछे नहीं भागते हैं और ना ही उन्हें पैसे कमाने के लिए कोई परेशानी उठानी पड़ती है। यहाँ पर पैसों का ही बाजार लगता है। यहां पर कोई भी व्यक्ति कम दाम में पैसे खरीद सकता है। वहीं इस देश की मुद्रा का नाम है सोमालीलैंड शिलिंग।

यहां पर 10 अमेरिकी डॉलर के बदले में 50 किलो सोमालियन मुद्रा के नोट आसानी से खरीदे जा सकते हैं। यह एक अनोखा देश है जहां चारों तरफ पैसा ही पैसा दिखता है। इस देश के चारों ओर इतना अधिक पैसा होने के बावजूद भी यहां पर किसी प्रकार की कोई सुरक्षाकर्मी की व्यवस्था नहीं होती है। यह देश अपनी मुद्रा को ही खुले बाजार में बेचते हैं। इसका कारण यह है कि देश बहुत ही सुरक्षित है यहां पर लोग अपने पैसों की सुरक्षा नहीं रखते। इनका पैसा जहां भी रखा होता है वहां पर सुरक्षित होता है।

पैसों का बाजार लगने का कारण क्या है?

दरअसल बात यह है की सोमाली लैंड के लोगों को या लगता है कि उनकी मुद्रा कुछ दिनों में गायब हो जाएगी यही कारण है कि वह अपने पैसे को गायब होने की जगह कम दामों में बेच देते हैं जिससे उनकी मुद्रा व्यर्थ होने से बच जाती है। ऐसा आप भारत में करने की कोशिश बिल्कुल न करें।

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