ताबूत बनाने वाले शख्स को ‘पत्थर’ के बदले मिले थे 13 करोड़ रुपए, अब उसने क्यों कहा कि – धोखा हो गया.

हाल ही में ताबूत बनाने वाले जिस शख्स को उसके घर में गिरे उल्का पिंड के बदले 13 करोड़ रुपए दिए जाने की बात हो रही थी। अब उस शख्स का कहना है कि उसके साथ एक बड़ा धोखा हुआ है। इंडोनेशिया के नॉर्थ सुमात्रा में रहने वाले जोशुआ हुतागलंग का कहना है की, उसे उल्का पिंड के बदले महज 10 लाख रुपए दिए गए है। जबकि उसकी कुल कीमत उससे भी कहीं ज्यादा थी।

 

बता दे जोशुआ ने कहा कि उसके साथ धोखा हुआ है, क्योंकि अमेरिका के अंतरिक्ष विशेषज्ञ जारेड कॉलिन्स ने उससे वो उल्का पिंड बेहद सस्ती कीमत पर ही खरीद लिया था। जबकि उसकी कीमत बहुत ज्यादा थी। बता दे, न्यूज वेबसाइट ‘द स्टार’ की खबर के अनुसार, जोशुआ हुतागलंग ने इस बारे में बताते हुए कहा कि उल्का पिंड के बदले में उसके करोड़पति बनने की जो खबरें, विदेशी मीडिया में चल रही हैं, वो सब गलत है।

जोशुआ ने आगे कहा की, ‘उस उल्का पिंड के बदले में मुझे 200 मिलियन रुपिया (करीब 10 लाख रुपए) मिले थे, मैंने वो सारी रकम अपने गांव में एक चर्च बनाने और विकलांगों व अपने परिवार की मदद के लिए खर्च कर दिया। अब मुझे यह एहसास हो रहा है कि मेरे साथ धोखा हुआ है। क्योंकि वो उल्का पिंड कहीं ज्यादा कीमती था। और मुझे यह खबर विदेशी मीडिया से पता चली है।’

आपकी जानकारी के लिए बता दे यह मामला पिछले साल अगस्त के महीने का है। ताबूत बनाकर अपने परिवार का गुजारा करने वाले जोशुआ बीते एक अगस्त को घर के आंगन में अपना काम कर रहे थे। तभी उनके घर की छत तोड़ता हुआ फुटबॉल के आकार का एक पत्थर आकर गिर पड़ा।

पहले तो जोशुआ ने बताया कि पहले हमें लगा की हमारे घर के ऊपर कोई बहुत बड़ा पेड़ आकर गिरा है। क्योंकि उसकी आवाज बहुत तेज थी। जोशुआ की पत्नी ने जब उस पत्थर को छूना चाहा। तो वह पत्थर बहुत गर्म था, जिसके बाद उन्होंने एक कुदाल की मदद से उस पत्थर को उठाया। और रखा।

फिर उसके बाद जोशुआ ने अपने फेसबुक पर उल्का पिंड की तस्वीरों के साथ इस घटना को शेयर कर दिया। और देखते ही देखते उनकी पोस्ट वायरल होती चली गई। करीब दो हफ्ते बाद अमेरिका के अंतरिक्ष विशेषज्ञ जारेड कॉलिन्स जोशुआ को खोजते हुए उनके घर पहुंच गए। और उस उल्का पिंड को खरीद लिया।

जोशुआ के अनुसार, इसके बाद जब उन्हें पता चला कि उस उल्कापिंड की वास्तविक कीमत करीब 26 बिलियन रुपिया यानि 13 करोड़ रुपए है। तो वह इस खबर को सुन कर चौंक गए। जोशुआ ने कहा, ‘अगर यह बात सच है तो मुझसे झूठ बोला गया है और मैं इस बात से बेहद निराश हूं।’

गौरतलब है कि जोशुआ के घर में जो उल्का पिंड गिरा था, वह उल्का पिंड विशेषज्ञों के अनुसार तकरीबन 4.5 अरब साल पुराना है। इस उल्कापिंड को अभी तक मिले उल्का पिंडों में सबसे ज्यादा खास माना जा रहा है। और वैज्ञानिकों को विश्वाश के अनुसार इसके जरिए उन्हें अंतरिक्ष की कई अहम जानकारियां हासिल हो सकती हैं।

अगर हम मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस उल्का पिंड को फिलहाल अमेरिका में एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के अंदर लिक्विड नाइट्रोडन में स्टोर किया गया है। जोशुआ के घर में मिले इस उल्का पिंड की पहचान CM1/2 कार्बोनेसियस चोंडराईट के रूप में किया गया था। जो काफी दुर्लभ है। वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि इस उल्का पिंड में एक अलग अमीनो एसिड और अन्य मौलिक तत्व मौजूद हैं।

 

जो जीवन की उपत्ति के लिए आवश्यक हैं। आपको बता दें कि उल्का पिंडों का मुख्य वर्गीकरण सामान्यत उनके संगठन के आधार पर किया जाता है। bhut से उल्का पिंड लोहे, सिलिकेट खनिजों या मिश्र धातुओं के बने होते हैं। अक्सर आसमान से पृथ्वी की ओर काफी तेज गति के साथ कुछ चमकदार चीजें गिरती हुई नज़र पड़ती है। जिन्हें उल्का कहा जाता है।

इन उल्काओं का ज्यादातर हिस्सा वायुमंडल के अंदर ही जलकर खत्म हो जाता है, लेकिन जो हिस्सा जलने से बच जाता है और पृथ्वी की तरफ आकर गिरता है। उन्हें उल्का पिंड कहते हैं। हर रात अनगिनत संख्या में उल्काएं पृथ्वी की ओर गिरती हैं, लेकिन उनमें से चंद उल्काएं ही पृथ्वी पर आकर गिरती हैं। पृथ्वी पर गिरने वाले उल्का पिंड काफी दुर्लभ होते हैं और वैज्ञानिकों के लिए इनका बहुत महत्वपूर्ण रहता है।

जोशुआ के अनुसार उनके साथ धोखा हुआ है जो कि जारेड कॉलिन्स द्वारा खरीदा गया है जोशुआ का कहना है कि उन्हें सिर्फ 10 लाख रुपये ही मिले हैं हालांकि इंटरनेशनल मीडिया में खबर यही है की जोशुआ उस उल्कापिंड को बेच के करोड़पति बन गए हैं।

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