पासपोर्ट के बारे में कौन नहीं जानता यह वह दस्तावेज है जिसके द्वारा हम एक देश से दूसरे देश जा सकते हैं अगर यह नहीं हो तो हम दूसरे देश नहीं जा सकते हैं और अगर किसी तरह चलेगी जाए तो यह कानूनी अपराध होगा और इसके लिए हमें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
पासपोर्ट बनवाने के लिए पासपोर्ट ऑफिस जाना पड़ता है और इसके लिए वहीं पर आपका फोटो खींचा जाता है लेकिन फोटो खींचने से पहले इसके विषय में आपको दिशा निर्देश दिया जाता है। उस दिशा निर्देश का आपको पालन करना पड़ता है, उस दिशा में देश में सबसे बड़ा निर्देश होता है कि आप अपना नेचुरल चेहरा बनाकर रखेंगे इसमें कोई स्माइल करने की कोशिश नहीं करेंगे ना ही अपने होठों को दबाने की कोशिश करेंगे जो आपका नेचुरल फेस है आपको सिर्फ इसके साथ ही फोटो खिंचवाने है।
यह दिशानिर्देश हर देश में होता है इसके पीछे भी कारण होता है इसका कारण है कि पासपोर्ट पर आपका फोटो एकदम साफ होना चाहिए बाल पीछे होने चाहिए और आप के चेहरे पर चश्मा भी ना हो और ना ही आपका चेहरा किसी प्रकार से ढका हुआ हो।
ऐसा इसलिए होता है कि जब आप हवाई अड्डे पर लगे गेट से प्रवेश करें तो उसमें लगा कैमरा आपके फोटो से आपकी पहचान कर सके। अगर आपका फोटो और चेहरा बायोमेट्रिक अगर मिल जाता है तब तो आपको अंदर जाने के लिए कहां जाएगा अन्यथा आप को अंदर नहीं जाने दिया जाएगा।
अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में 26/11 हमले के बाद सब कुछ बदल गया है इतना ही नहीं हवाई अड्डे पर इस्तेमाल होने वाले बायोमेट्रिक टेक्नोलॉजी ने पासपोर्ट फोटो को पूरी तरह बदल कर रख दिया है।आपको बता दें कुछ देशों के पासपोर्ट पर चिप लगी होती है जिसमें संबंधित शख्स का पूरा डाटा होता है। पासपोर्ट में लगे फोटो के आकार की पूरी जानकारी जैसी दोनों आंखों के बीच की दूरी, नाक और ठोड़ी के बीच की दूरी, मुंह की चौड़ाई इत्यादि इसी से आपके पासपोर्ट की जांच होती है।
इसी कारण पासपोर्ट बनवाते समय चेहरे को सामान अवस्था में ही रखने की सलाह दी जाती है और चश्मा लगाने के लिए मना किया जाता है। बालों से चेहरा ढका न रहे या किसी और कपड़े से भी चेहरा ना ढका रहे। पीछे का बैकग्राउंड साफ रहे यह सब हिदायतें आपको फोटो खिंचवाने के पहले दे दी जाती है।
फ्रांस के एक शख्स ने यह बात को लेकर अदालत में मुकदमा दर्ज करवाया था कि लोग विदेश यात्रा पर जाने पर काफी खुश होते हैं तो क्यों नहीं स्माइल करेंगे और क्यों नहीं स्माइल के साथ फोटो खिंचवा सकते हैं। अदालत ने उनकी इस मुकदमे को खारिज कर दिया और कहा कि सुरक्षा के मापदंडों से जुड़े हुए किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया जा सकता है और जो नियम बनाए गए हैं उसका सख्ती से पालन करना एक नागरिक का कर्तव्य है।