OYO होटल्स एंड होम्स प्राइवेट लिमिटेड रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने OYO होटल्स एंड होम्स प्राइवेट लिमिटेड की कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। चर्चा में सुनने में आया है कि कंपनी ने IBC 2016 के तहत दिवालिया होने की अर्जी दी है।जब किसी कंपनी को दिवालिया घोषित किया जाता है तब कंपनी के निवेशक, क्रेडिटर बन जाते हैं। कंपनी को रिवाइव कराने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के पास जाते हैं और इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रक्रिया शुरू की जाती है। इसको लेकर जारी एक बयान में कहा गया है कि NCLT ने 30 मार्च, 2021 को नोटिस दिया है कि OYO होटल्स एंड होम्स प्राइवेट लिमिटेड की कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया जाता है।
वहीं कंपनी के ग्रुप सीईओ रितेश अग्रवाल ने ट्वीट कर इस खबर को पूरी तरह गलत बताया है।रितेश अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा कि कुछ पीडीएफ और टेक्स्ट मैसेज सर्कुलेट हो रहे हैं, जिसमे दावा किया जा रहा है कि OYO ने दिवालिया प्रक्रिया के लिए अर्जी दी है।इसमें कोई सच्चाई नहीं है.।एक दावेदार ने ओयो की सहायक कंपनी से एनसीएलटी में याचिका के जरिए 16 लाख रुपये की मांग की है।
एक क्रेडिटर रोकेश यादव ने OYO की सहायक कंपनी ओयो होटल्स एंड होम्स प्राइवेट लिमिटेड (OHHPL) कंपनी के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसे NCLAT ने 30 मार्च को मान लिया था। अब इस मामले पर एनसीएलटी द्वारा दिए गए आदेश को ओयो ने एनसीएलएटी में चुनौती दी है।OYO ने अपनी सहायक कंपनी के खिलाफ एनसीएलटी द्वारा दिए गए उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उसे क्रेडिटर को 16 लाख रुपये देने हैं।
कंपनी ने कहा है कि 16 लाख रुपये की इस रकम को उसने विरोध के साथ दावेदर के पास जमा भी कर दिया है।
हमे यह जानकार हैरानी हो रही है कि एनसीएलटी ने OHHPL के खिलाफ इस याचिका को स्वीकार कर लिया है।उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में ओयो सुधार के रास्ते पर आगे बढ़ रही है।