हां हम सभी जानते हैं कि जिसका रखवाला कोई नहीं होता उसका रखवाला जो का रखवाला ईश्वर होता है | यह बात मुरैना की है, यहाँ हाल ही में मुरैना में यही बात सिद्ध होती हुई देखी गई है | बताया गया है, की दर-दर भटक रही एक मां को समाज सेवी माधवी शर्मा बड़ी मुश्किल से 5 दिन के विभागों के चक्कर लगाने के बाद एक वृद्ध आश्रम में आसरा दिलाया आपको बता दें कि माधवी शर्मा को विभाग के चक्कर लगाने के बाद और सभी सरकारी फॉर्म को पूरा करने के बाद तब कही जाकर उन्हें वृद्धा आश्रम में रखने की अनुमति मिली ।
28 मई की बात है, जब माधवी शर्मा कमिश्नर कॉलोनी पार्क से जा रही थी, तभी उन्हें वहां वृद्धा बैठी मिली उन्होंने और वृद्धा माँ इस हल का कारण पूछा ऐसा पूछने पर वृद्धा माँ ने जो माधवी शर्मा को बताया वह जानकर सामजसेवी की आंखों मैं आंसू आ गए उन्होंने बताया कि उनकी लड़की मकान बेचकर सारा पैसा उसके साथ ले गई और उन्हें इसे हाल पर छोड़ गई उन्होंने बताया कि उनका कोई लड़का नहीं है|
| अब वह कहाँ जाये उनका दूसरा कोई आसरा नहीं है |इसलिए वह वह कई दिनों से यहीं पर भटक रही है | माधवी शर्मा यह सब जानकर वन स्टॉप सेंटर को लेटर लिखा और उनको लेकर वृद्धा आश्रम पहुंच गई पर उन्हें बताया कि वहां बिना सामाजिक न्याय विभाग की अनुमति के वृद्धा माँ को नहीं रख सकते | शनिवार रविवार की छुट्टी के कारण वृद्धा मां को वन स्टॉप सेंटर में माधवी शर्मा ने रखा, यहां प्रभारी सरिता ने वृद्धा माँ की पूरी सेवा की माधवी शर्मा को सोमवार से बड़ी मशक्कत के बाद और विभाग चक्कर लगाने के बाद वृद्धाश्रम में रखने की अनुमति मिली | उन्होंने वृद्धा मां को आश्रम में पहुंचा दिया | अब वृद्धा माँ बहुत ही खुश है माँ ने माधवी शर्मा को आशीर्वाद दिया |