जीवन में सुख और दुख दोनों ही आते रहते हैं जो उन सुख और दुख में एक समान बना रहता है वही सच्चा मनुष्य होता है। लेकिन लोग सुख में तो बहुत खुश होते हैं लेकिन दुख हो तो हिम्मत को हार जाते हैं और भगवान को कोसने लगते हैं। जो उन दुखों में हिम्मत से काम लेता है और अपनी कड़ी मेहनत से कुछ कर गुजरने के जज्बे को आगे बढ़ाते है वहीं उन तकलीफ हो से निजात पाकर एक सफल जिंदगी जीते है।आइए जानते हैं एक ऐसे ही अपने देश की बेटी की कहानी जिन्होंने अपने तकलीफों से हार न मानकर कुछ कर गुजरने के जुनून से वह कर दिखाया है जो लोगों के लिए एक आश्चर्य की बात हो गई।
हम बात कर रहे हैं एनी शिवा की जिनकी 18 साल की उम्र में ही शादी हो गई लेकिन उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया। जिस समय उनके पति ने उन्हें छोड़ा उस समय उनकी गोद में 6 महीने का एक बेटा भी था। एनी शिवा ने लव मैरिज की थी और पति के छोड़ने के बाद वह घर में नहीं जा सकती थी। तब उन्होंने सोचा कि बिना घर गए मैं कुछ काम करके अपना जीवन यापन कर लूंगी और उन्होंने वर्कला शिवगिरी आश्रम के स्टॉल पर नींबू पाने और आइसक्रीम बेचने लगी। इस छोटे मोटे व्यवसाय से वह खुश नहीं थी। उन्होंने मन है मन ठाना कि वह इससे हटकर कुछ करेंगी और उन्हीं के इस सोच को एक शख्स ने नई दिशा दी उन्हीं के स्टॉल पर आए एक शख्स ने उन्हें इंस्पेक्टर की परीक्षा की तैयारी करने की सलाह दी। एनी शिवा को उनकी बात अच्छी लगे और वह इसके लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी। इस तैयारी में उनकी पैसों की मदद उसी शख्स ने की जिसने उन्हें यह नया मार्ग दिखाया। एनी शिवा ने कड़ी मेहनत और लगन से अपनी तैयारी शुरू की। इस तैयारी के दौरान एनी शिवा को अपने बेटे का भी ख्याल रखना था और उन्होंने उन दोनों ही कामों को अपनी पूरी लगन और मेहनत की। अपने मेहननत से शिवा गरीबी की दलदल को पार कर सब इंस्पेक्टर बनी।जिस जगह पर शिवा नींबू पानी और आइसक्रीम बेचती थी। आज उसी जगह पर शिवा की पोस्टिंग है। उस जगह ड्यूटी करते हुए अपने संघर्ष के दिनों को याद करती हैं जब वह दो वक्त की रोटी के लिए नींबू पानी बेचा करती थी तो वह बहुत ही इमोशनल हो जाती हैं।
आज केरल पुलिस ने एनी शिवा को पुलिस इंस्पेक्टर बनने पर बधाई दी है। एनी शिवा महिला होकर भी अपनी इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत के द्वारा अपने दुख के दिनों को अपने सुख के दिनों में बदल दिया। महिलाओं के लिए एनी शिवा एक प्रेरणा है उनके इस आत्मकथा से उन तमाम महिलाओं को सीख लेनी चाहिए जो गरीबी के दलदल में फंसे हुए हैं लेकिन कुछ करने की हिम्मत नहीं जुटा पाती है। एनी शिवा को उनकी इस उपलब्धि के लिए केरल के विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने भी उनकी तारीफ की और अपने ट्वीट के जरिए एनी शिवा को बधाई दी। और क्यों न लोग उन्हें बधाई दे उन्होंने काम ही ऐसा किया है।पति के छोड़ देने केजीवन को समाप्त करने के बजाय अपने मेहनत और लगन से अपने और अपने बच्चे के लिए एक नई राह चुनी। सलाम है ऐसे जज्बे को ऐसी महिला को जिन्होंने अपनी महिला शक्ति का प्रदर्शन देकर उन तमाम महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं जो कभी कोई कार्य करने की हिम्मत नहीं जुटा पाती है।