Milkha Singh : 1960 में उन्होंने पाकिस्तान की इंटरनेशन एथलीट प्रतियोगिता में भाग लिया था. जहां उन्होंने पाकिस्तान के सबसे तेज धावक अब्दुल खालिक को हराया था. जिसके बाद पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति फील्ड मार्शल अयूब खान ने उनकी रफ्तार से प्रभावित होकर उन्हें ‘फ्लाइंग सिख’ की उपाधि दी.
नई दिल्ली. “फ्लाइंग सिख” के नाम से मशहूर महान धवक मिल्खा सिंह कोरोना से जंग हार गए. बीते कई दिनों से मिल्खा सिंह कोरोना संक्रमण से जूझ रहे थे और शुक्रवार को चड़ीगढ़ के पीजीआई अस्पलाल मे उन्होंने आखिरी सांस ली. इससे पहले मिल्ख सिंह की पत्नी निर्मला मिल्खा सिंह का निधन पिछले रविवार को हुआ था. जिसकी जानकारी उनके परिवार ने उन्हें नहीं दी. मिल्खा सिंह की अंतिम यात्रा में उनके बेटों ने उनकी पत्नी की तस्वीर उनके हाथों में रखी थी. आपको बता दें मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मला भारतीय वॉलीवॉल टीम की कप्तान रह चुकी थी. आइए जानते है मिल्खा सिंह से जुड़े कुछ रोचक किस्से…
अपनी बायोपिक ‘भाग मिल्खा भाग’ के लिए इतने रुपये- मिल्खा सिंह के उपर बॉलीवुड में 2013 में फिल्म बनी थी. जिसका नाम भाग मिल्खा भाग था. इस फिल्म में मिल्खा सिंह का किरदार फरहान अख्तार ने निभाया था. आपको जानकर हैरानी होगी कि, इस फिल्म के लिए मिल्खा सिंह ने केवल 1 रुपये का कॉन्ट्रैक्ट किया था. वहीं कार्डिफ राष्ट्रमंडल खेलों में तत्कालीन विश्व रिकॉर्ड धारक मैल्कम स्पेंस को 440 गज की दौड़ में हराकर वैश्विक स्तर पर भारत को पहला स्वर्ण पदक मिल्खा सिंह ने दिलाया था. जिसके बाद पीएम नेहरू ने देश में एक दिन की छुट्टी कर दी थी. हालांकि एग्रीमेंट में एक क्लॉज जोड़ा गया जिसके तहत मुनाफे का दस फीसदी मिल्खा सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट को दिए जाने का प्रावधान रखा गया.
इतने रुपये में हुआ था फिल्म का निर्माण –
बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने मिल्खा सिंह के जीवन पर फिल्म बनाई थी. विकीपीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार इस फिल्म के निर्माण पर 41 करोड़ रुपये का खर्चा आया था और इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 210 करोड़ रुपये का बिजनेस किया था.
पाकिस्तान के फील्ड मार्शल ने दी थी ‘फ्लाइंग सिख’ की उपाधि – 1960 में उन्होंने पाकिस्तान की इंटरनेशन एथलीट प्रतियोगिता में भाग लिया था. जहां उन्होंने पाकिस्तान के सबसे तेज धावक अब्दुल खालिक को हराया था. जिसके बाद पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति फील्ड मार्शल अयूब खान ने उनकी रफ्तार से प्रभावित होकर उन्हें ‘फ्लाइंग सिख’ की उपाधि दी.
पाकिस्तान के सबसे तेज धावक अब्दुल खालिक को हराके “मिल्खा सिंह” ने “फ़्लाइंग सिख” की उपाधि पर कब्जा किया था।