धरती पर जिस प्रकार जीवो को अपनी अगली पीढ़ी चलाने के लिए बच्चो की जरुरत होती है । चाहे वह इंसान हो या जानवर मगर क्या आप यह भी सोचे है की ग्लोबल वार्मिंग से इंसान समेत कई जीवों के नर हो रहे नपुंसक, और इस हालात से जूझ रहे है की आगे की नश्ल ख़त्म होने का खतरा भी मंडरा रहा है । बदलते मौसम और जलवायु के कारण नर अपने उम्र से पहले जवान हो जा रहे है । और उनके प्रजनन तंत्र पर काफी असर पहुँच रहा है।
क्या है ग्लोबल वार्मिंग।
आसान शब्दों में समझें तो ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ है ‘पृथ्वी के तापमान में वृद्धि और इसके कारण मौसम में होने वाले परिवर्तन’ पृथ्वी के तापमान में हो रही इस वृद्धि (जिसे 100 सालों के औसत तापमान पर 10 फारेनहाईट आँका गया है) के परिणाम स्वरूप बारिश के तरीकों में बदलाव समय पर मौसम का न चलना और पृथ्वी पर तापमान की बृद्धि के वजह से इसका सीधा असर सभी नर प्राणी को अत्यधिक गर्मी देकर उनको नपुंसक बनाने की तरफ मुँह मोड़ रहा है ।
ग्लोबल वार्मिंग के वजह से सभी नर प्राणियों के लिए बढ़ा खतरा
यदि भविष्य में पूरी दुनिया एक ऐसी समस्या से जूझेगी जो किसी भी महामारी से ज्यादा बड़ी होगी. धरती पर मौजूद सभी जीवों की अगली पीढ़ी के लिए खतरा है. आप सोचिए यदि आप नपुंसक हो जायेंगे तो क्या होगा ? जरा सोचिये की नपुंसक कितनी बड़ी बीमारी है जो की पुरे जिव जगत के लिए खतरा बना है । ज्यादा तर अभी आप किसी भी प्राणी को देख लीजिये उस प्राणी की प्रजनन की क्षमता पहले से कम हो गई है । चाहे वह मनुष्य हो या जानवर यह खतरा दोनों पर लगा है ।
Predictions about how #ClimateChange will affect biodiversity don’t usually consider how higher temps cause infertility.
New research shows we may be failing to identify the species most likely to go extinct.@bvanheerwaarden + Ary Hoffmann @unimelb: https://t.co/ngeLXI009f
— The Conversation (@ConversationEDU) May 24, 2021