जुगनू एक ऐसा प्राणी होता है जिसकी अलग ही पहचान होती है। हलाकि यह शहरों में तो ये बहुत कम दिखाई देते हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में इनकी संख्या काफी है। हालांकि, अब गांवों में भी जुगनू धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। आपने कभी ये सोचा है कि जुगनू रात में क्यों चमकते हैं? आज हम आपको बताएंगे कि जुगनू रात में क्यों और कैसे चमकते हैं।
रात में क्यों चमकते है जुगनू
जुगनू का रात में चमकना यांनी की वह जुगनू अपने मादा जुगनू के तलाश में तथा अपने लिए भोजन तलाश होता है। क्यों की जुगनू की नर प्रजाति के पास पंख होते है और वह उड़ सकते है । मादा हमेशा स्थिर रहती है। मादा जुगनू जंगलों में पेड़ों की छाल में अपने अंडे देती है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जुगनूओं के अंडे भी चमकते हैं।
जुगनू के चमकने का कारण
वैज्ञानिक रॉबर्ट बायल ने जुगनूओं की खोज वर्ष 1667 में की थी। पहले यह माना जाता था कि जुगनुओं के शरीर में फास्फोरस होता है और इसी की वजह से ये चमकते रहते हैं, लेकिन बाद में वैज्ञानिकों ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया। इतालवी वैज्ञानिक स्पेलेंजानी ने 1794 में ये साबित किया कि बताया कि जुगनू फास्फोरस की वजह से नहीं बल्कि ल्युसिफेरेस नामक प्रोटीनों के कारण चमकते हैं। ये प्रोटीन मुख्य रूप से पाचन से संबंधित है।वैसे तो भारत में भी काफी संख्या में जुगनू पाए जाते हैं, लेकिन अधिक रोशनी से चमकने वाले जुगनू अधिकतर वेस्टइंडीज और दक्षिणी अमेरिका में पाए जाते हैं। जो की काफी चमकीले होते है