जामुन एक मौसमी फल है जो औषधि गुणों से भरपूर है आयुर्वेद में जामुन को कई नामों से जाना जाता है जैसे जमाली, काला जामुन, राजमन, जाम्बोलन जामुन का फल ही नहीं इसके छाल पत्ते बीज भी बहुत फायदेमंद होते हैं।
जामुन अम्लीय और क्षारीय होता है इसका स्वाद मीठा और कसैला होता है। जामुन का सिरका औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। कोई भी वस्तु कितना भी लाभप्रद हो लेकिन उसके हानिकारक असर भी होते हैं।तो आइए जानें जामुन का अधिक प्रयोग करने से क्या हानि होती है।
1- जामुन में अम्लीय और क्षारीय गुण होने के कारण खाली पेट इसे नहीं खाना चाहिए।
2- स्त्रियों को गर्भावस्था में जामुन का सेवन नहीं करना चाहिए|
3- ऑपरेशन के पहले या बाद में जामुन का सेवन नहीं करना चाहिए।
4- पिंपल की समस्या होने पर जामुन का सेवन करने से बचना चाहिए।
5- जामुन को अधिक मात्रा में सेवन करने से कब्ज और एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
6- अम्लीय होने के कारण जामुन को दूध पीने से पहले या बाद में नहीं खाना चाहिए।
7- अधिक मात्रा में जामुन के सेवन से फेफड़ों में विकार उत्पन्न होने लगते हैं इसलिए जामुन का अधिक मात्रा में प्रयोग नहीं करना चाहिए।
8- 10 से 12 जामुन का प्रयोग ही सही होता है।
9- जामुन हमेशा दोपहर में खाना चाहिए।