आपने कई फिल्मों में जेल की सीन को देखा होगा. इनमें दिखाया जाता है कि जेल में काली धारी वाली यूनिफार्म पहने हुए हैं. सभी की एक जैसी ड्रेस है, जैसे किसी सेना या स्कूल में होती है. पर कभी आपने सोचा है कि जेल में इन कैदियों को एक जैसी यूनिफार्म क्यों दी जाती है. जिसकी वजह से सारे कैदी एक जैसे दिखते हैं।
जेल में कैदियों को यूनिफार्म देने के पीछे एक कहानी भी है. बताया जाता है कि 18वीं सदी में अमेरिका में “ओर्बन प्रिजन सिस्टम आया”. माना जाता है यहीं से आधुनिक किस्म की जेल की शुरुआत हुई. यहीं ग्रे-ब्लैक कलर की धारीदार पोशाक भी दी गयी.
हालांकि ऐसा नहीं है कि भारत की तरह कैदियों को सफ़ेद और काली धारी वाली यूनिफार्म दी जाती है. अलग-अलग देशों में अलग-अलग किस्म की ड्रेसेज हैं. भारत में अंग्रेजों के समय कैदियों की मानवाधिकार वाली बातें मानी गयी. ऐसे में वहीँ से ये ड्रेस चलन में आई, लेकिन सभी कैदियों को ड्रेस नहीं दी जाती है. जो कैदी सजा याफ्ता हैं, उन्हें ड्रेस दी जाती है. जिन्हें हिरास में रखा जाता है, वे सामान्य कपड़ों में ही रहते हैं.
ऐसा माना जाता है कि ड्रेस की बड़ी वजह है कि अगर कोई कैदी भागेगा तो उसे पहचान लेंगे और पुलिस को बता देंगे. इसके अलावा उनके अंदर अनुशासन की भावना भरने के लिए भी ड्रेस दी जाती है. एक वजह ये भी है कि जेल में कोई बड़ा छोटा नहीं होता सारे कैदी ही हैं ककी गरीब अमीर नहीं है जिसके लिए भी ड्रेस दी जाती है कि कोई यहां किसी को नीच उच वाली पट्टी न पढ़ा सके जिसकी वजह से जेल का अनुशासन बना रहे।