प्यार के कई किस्से तो आपने सुने ही होंगे। कितने ही लोगों के प्यार की मिसालें आपने सुनी होगी जैसे”हीर रांझा”,”लैला मजनू”। ऐसे ही कहा जा है कि प्यार किसी शब्दों का मोहताज नहीं होता। ऐसा ही कुछ हुआ गोठा गांव की बेजुबान छोटी बाई के साथ पति की मृत्यु के दो घंटे बाद पत्नी ने भी त्यागे अपने प्राण।
नीमच जिले के गोठा गांव में रहने वाले 85 वर्षीय शंकर धोबी उनकी पत्नी की अर्थी एक साथ उठी। शंकर की मौत के दो घंटे बाद उनकी पत्नी छोटी बाई की भी मौत हो गयी। जिसके बाद दोनों का अंतिम संस्कार एक साथ किया गया।बुजुर्ग दंपत्ति की एक साथ अर्थी उठी।
मध्य प्रदेश के नीमच जिले में एक ऐसा नजारा देखने को मिला जिसे अब तक आपने फिल्मों में ही देखा होगा। जावद तहसील के गोठा गांव में पति-पत्नी के अमर प्रेम का जीवंत उदाहरण देखने को मिला। पति जिस आंगन में पत्नी को अपने साथ लाया था, उसी आंगन से दोनों की अर्थी भी एक साथ उठी और एक साथ ही उनकी चिता को मुखाग्नि दी गई। इस दौरान जिसने भी यह नजारा देखा उनकी आंखें नम हो गयी।
दरअसल, जावद तहसील के गोठा गांव के निवासी 85 वर्षीय शंकर धोबी की रविवार रात मोत हो गई। उनकी पत्नी बसंती बाई बोल नहीं पाती थी।जब उनके बेटे ने उन्हें इशारों में यह बात बताई की उनके पति अब इस दुनिया में नहीं रहे, यह खबर सुनते ही दो घंटे बाद उनकी भी मौत हो गई।
एक साथ उठी दोनों की अर्थी
बुजुर्ग दंपत्ति के बेटे बद्रीलाल ने बताया कि जब उन्होंने अपनी मां को पिताजी के मौत की खबर बताई तो वह रोने लगी। इस दौरान उनके पास घर की कुछ महिलाएं बैठी हुई थी।लेकिन दो घंटे बाद अचानक वे सोई तो उठी ही नहीं।जब आस-पास बैठी महिलाओं ने उन्हें उठाया तो देखा उनकी मौत हो चुकी थी।
जिसके बाद शंकर और उनकी पत्नी बंसती बाई की अर्थी एक साथ उठी, दोनों की चिता एक साथ जलाई गयी।
शंकर के बेटे ने बताया कि उम्र के इस पड़ाव में भी उनके माता-पिता कभी एक दूसरे के बिना नहीं रहे। बेटों का का कहना था कि किसी भी कार्यक्रम में या कहीं पर भी जाना होता था तो माता-पिता इस उम्र में भी हमेशा साथ रहते थे. दोनों एक साथ ही जाते थे. ऐसे में उन्होंने अपना अंतिम सफर भी एक साथ किया।
पूरा गांव शव यात्रा में हुआ शामिल
शंकर और उनकी पत्नी की अंतिम यात्रा में पूरा गांव शामिल हुआ। दोनों ने जिस तरह से प्राण त्यागे उसकी चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है। दोनों के पार्थिब शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर गांवभर ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान जिसने भी यह नजारा देखा तो सबकी आंखे नम हो गई।