कैसे महकमे के आला अफसर अपने से नीचे काम करने वालों को प्रताड़ित करते हैं और कैसे उनके साथ मनमाना व्यवहार करते हैं ये आपने सिर्फ फिल्मों में देखा होगा लेकिन हक़ीक़त भी यही है कि प्रशासन के आला अधिकारी अपनी मनमानी करने के लिए और अपने आपको बड़ा दिखाने के लिए अपने से नीचे के लोगों को मानशिक रूप से कैसे प्रताड़ित करते हैं। ये हरियाणा के पंचकूला में देखने को मिली। जी हां हरियाणा के पंचकूला ज़िले में एक होमगार्ड के जवान द्वारा आत्महत्या करने के प्रयास का मामला सामने आया है।
बता दें कि होमगार्ड द्वारा आत्महत्या के प्रयास के पीछे कहीं न कहीं ‘सिस्टम’ पर सवालिया निशान लगा रहा है। पीड़ित होमगार्ड अभी अस्पताल में उपचाराधीन है और उसने पुलिस को बयान में बताया कि उसको नियमित ड्यूटी करने के बाद भी मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया क्योंकि बिना प्रताड़ना के कोई भी व्यक्ति अपनी जान लेने की कोशिश नहीं करेगा वहीं इस मामले में प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने कार्यकारी डीजीपी मोहम्मद अकील को सख्त कार्रवाई करने की हिदायत दी है।
17 जुलाई को माजरी चौक पर एक गाड़ी ने लाल बत्ती तोड़ दिया। यह देखकर वहां तैनात होमगार्ड पीयूष कुमार ने गाड़ी को रोक लिया। गाड़ी में से भड़कते हुए एक महिला उतरी उस महिला ने खुद को उत्तराखंड में बतौर आईएएस होने की धौंस देते हुए होमगार्ड से मोबाइल छीनने की कोशिश की। साथ ही उसे नौकरी से निकलवाने की धमकियां भी देने लगी। इतना ही नहीं उसने उच्च अधिकारियों को मौके से ही फोन भी कर दिया। इसके आधे घंटे के भीतर ही होमगार्ड पीयूष कुमार को लाइन हाजिर कर दिया गया। बिना जांच-पड़ताल की गई कार्रवाई से आहत होकर होमगार्ड ने गुरुवार को 12 बजे यह आत्मघाती कदम उठाया।
गौरतलब है कि पीयूष ने एक वीडियो भी बनाया, जिसमें उसने डीसीपी ‘मोहित हांडा’ पर गलत कार्रवाई करने का आरोप लगाया। साथ ही उसने कहा कि यदि उसे किसी तरह का कोई भी नुकसान पहुंचता है तो इसके लिए महिला अधिकारी जिम्मेदार होगी। पीयूष का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और उस वायरल वीडियो को देखने के बाद अफसरों में हड़कंप मच गयी। पुलिस कमिश्नर सौरभ सिंह ने एसीपी विजय नेहरा को मामले की जांच के लिए निर्देश दे दिए हैं। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उक्त मामले में डीसीपी मोहित हांडा का पक्ष जानने के लिए उनसे फोन और व्हाट्सएप पर संदेश के जरिए संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने अभी तक कोई उत्तर नहीं दिया।
बता दें कि मौक़े पर जब होमगार्ड ने उक्त महिला की गाड़ी रोकी। उस दौरान हुआ सारा मामला सीसीटीवी में कैद हो गया। इस वीडियो में यह साफ़-साफ़ दिखाई पड़ रहा है कि होमगार्ड पीयूष कह रहा है कि मोबाइल क्यों छीन रहें हो? मैं ड्यूटी कर रहा हूँ। मुझे ड्यूटी करने दो, लेकिन महिला है कि उनके ऊपर धौंस सवार है। वह कुछ सुनने को तैयार नहीं दिख रही। वहीं पीयूष कुमार ने बताया कि इस वाकये के बाद पुलिस के आला अधिकारियों ने उसे लाइन हाजिर कर दिया। पीयूष ने कहा कि उसकी गलती ना होने के बावजूद भी आला अधिकारियों के आदेशों को सर माथे पर रखते हुए उसने पुलिस लाइन में अपनी ड्यूटी कायम रखी, लेकिन बाद में उसे पंचकूला सेक्टर 5 महिला थाने से फोन आया कि थाने में आकर अपने बयान दर्ज कराओ। जब पीयूष वहां पहुंचा तो उसे पता चला कि उक्त कार में मौजूद महिला ने उसके खिलाफ बदसलूकी की शिकायत पंचकूला सेक्टर 5 महिला थाने में दी है। इस बारे में पीयूष ने बताया कि उसने महिला के साथ कोई बदसलूकी नहीं की, वह सिर्फ अपनी ड्यूटी तन्मयता और ईमानदारी से कर रहा था, जो कि सीसीटीवी फुटेज में भी दिखाई दे रहा है।
इतना ही नहीं, बल्कि पीयूष का आरोप है कि उसे विभाग की ओर से मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है, जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है। इससे आहत होकर पीयूष कुमार ने चूहे मारने की दवा खा ली। दवा खाने के बाद उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद सेक्टर-6 सिविल अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। वहीं सेक्टर-6 सिविल अस्पताल में होमगार्ड पीयूष कुमार का वीडियो वायरल हो गया। जब यह ग्रुप में गया तो आनन-फानन में पुलिस कमिश्नर ने मामले की जांच एसीपी को दे दी।
This IDAS officer Panveer Saini posted with @DefenceMinIndia Chandigarh first violated traffic rules, then threatened Home Guard Piyush, then got him punished departmentally & then filed complaint too.
PIYUSH ATTEMPTED SUICIDE YESTERDAY.
Shame on such officers #ShameOnPanveer pic.twitter.com/Dc2WltOZJM
— Deepika Narayan Bhardwaj (@DeepikaBhardwaj) July 30, 2021
वहीं होमगार्ड पीयूष कुमार ने आरोप लगाया कि पंचकूला पुलिस उपायुक्त मोहित हांडा ने मेरी कोई सुनवाई नहीं की। मुझे होमगार्ड की सर्विस से बर्खास्त करने की धमकी भी दी जा रही है। पीयूष कुमार ने बताया कि उनके बेटे का जन्मदिन 31 जुलाई को है। इस तरह के हालात में वह डिप्रेशन में आ गए हैं। डिप्रेशन में आने के बाद उन्होंने इस तरह का कदम उठाया है। वहीं उक्त महिला के बारे में बताया जा रहा है कि महिला उत्तराखंड में आईएएस अधिकारी है, जबकि पीयूष ने इस पर भी संदेह जताया है। क्योंकि अगर किसी को प्रताड़ित नहीं किया जाता तो पीयूष अपने परिवार को यूं अकेला छोड़ के ऐसा कदम कभी न उठाते।
हालांकि फिल्मों में दिखाई गई कहानियों को ये लोग सच कर ही देते हैं अगर ऐसा नहीं होता तो ये आला अफसर अपने नीचे काम करने वालों को इस तरह प्रताड़ित न करते जैसा पीयूष के साथ हुआ बाकियों के साथ न हो इसके लिए अदालत को कड़ी से कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। इस पूरे मामले को जानने के बाद आपकी क्या राय है नीचे दिए गए कॉमेंट बॉक्स में हमें ज़रूर बताएं।