15 खरब रूपए! ये धनराशि इतनी है कि किसी भी इंसान की आगे आने वाली कई पीढ़ियां आराम से बैठ कर खा सकती हैं लेकिन एक शख्स ने इस धनराशि को महज दो दिनों में ही गंवा दिया। अपनी कंपनी आर्केगोज से इतना पैसा गंवाने के कारण इसे मॉर्डन फाइनेंशियल इतिहास का सबसे ऐतिहासिक पतन बताया जा रहा है।
साउथ कोरिया के एक ट्रेड एक्सपर्ट के इस नुकसान से पूरा मार्केट भी हैरान है।
57 साल के ट्रेड एक्सपर्ट सुन्ग कुक ह्वांग महज दो दिनों में इतनी भारी-भरकम राशि गंवा चुके हैं। उन्होंने इस साल मार्च के महीने के अंत में ये पैसे गंवाए थे।अगर वे इन पैसों को मार्च के शुरुआती दौर में निकलवा लेते तो आज वे दुनिया के टॉप अमीरों की लिस्ट में अपना नाम दर्ज करा सकते थे।
साल 1982 में सुन्ग कुक ह्वांग साउथ कोरिया से अमेरिका शिफ्ट हो गया था। ह्वांग ने लॉस एजेंलेस में यूनिवर्सिटी ऑफ केलिफॉर्निया से पढ़ाई की थी।इसके बाद उन्होंने कार्नेगी मेलोन यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई की थी।
इसके बाद साल 1996 में उन्हें बड़ा ब्रेक मिला जब वे टाइगर मैनेजमेंट कंपनी में एनालिस्ट के तौर पर काम करने लगे। साल 1980 में टाइगर मैनेजमेंट का निर्माण हुआ था।ये एक हेज फंड कंपनी थी और इस कंपनी में ह्वांग काफी तेजी से आगे बढ़ने लगे।
ह्वांग ने साल 2000 के शुरुआती दौर में अपनी कंपनी टाइगर एशिया मैनेजमेंट खड़ी कर ली। इस कंपनी ने एशियन स्टॉक्स पर अपना फोकस बनाए रखा। ह्वांग का हेज फंड का काम जबरदस्त तरीके से चल रहा था लेकिन 13 साल बाद उन्हें अपने बिजनेस में काफी दिक्कतें आने लगी।
दरअसल यूएस सिक्योरिटी रेग्युलेटर्स ने ह्वांग पर इनसाइडर ट्रेडिंग का भी आरोप लगाया था। इससे उनका हेज फंड बिजनेस चरमराने लगा और उन्होंने साल 2013 में कंपनी आर्केगोज लॉन्च कर दी थी।
हालांकि आर्केगोज के साथ ही ह्वांग एक बार फिर सफलता की सीढ़ियां चढ़ने लगे। इस कंपनी के पोर्टफोलियो में एमेजॉन, फेसबुक, लिंक्डइन और नेटफ्लिक्स जैसी कंपनियां आ चुकी थीं और ह्वांग कई बैंकों से लोन लेने के बाद 100 बिलियन डॉलर्स का जबरदस्त पोर्टफोलियो तैयार कर चुके थे।
इसके चलते ह्वांग की नेटवर्थ 20 बिलियन डॉलर्स की हो चुकी थी। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, ह्वांग अपने पीक पर 30 बिलियन डॉलर्स के मालिक थे। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हाल ही में रिलीज हुई टॉप 10 अमीरों की लिस्ट में मुकेश अंबानी दसवें नंबर पर थे जिनकी संपत्ति 84.5 बिलियन डॉलर्स है।
हालांकि ह्वांग के लिए एक बार चीजें बुरी तरह गड़बड़ाने लगी। 26 मार्च को खबर आई कि आर्केगोज ने उन लोन्स में डिफॉल्ट किया है जिसके चलते ये कंपनी बिलियन डॉलर्स का पोर्टफोलियो बना रही थी।
ह्वांग ने 20 बिलियन डॉलर्स के वायाकॉमसीबीएस शेयर खरीदे हुए थे।हालांकि जब मार्च के अंत में वायाकॉमसीबीएस के शेयर बुरी तरह धड़ाम हुए तो बैंक ने आर्केगोज से पैसे मांगे।जब ह्वांग की कंपनी आर्केगोज पैसा नहीं दे पाई तो बैंक ने उनकी प्रॉपर्टी को सीज कर लिया और उसे बेच दिया जिसके चलते ह्वांग को 20 बिलियन डॉलर्स यानि 15 खरब रूपयों का नुकसान हुआ।
जहां ज्यादातर अरबपति अपना पैसा बिजनेस, रियल इस्टेट, स्पोर्ट्स टीम, आर्टवर्क और जटिल इंवेस्टमेंट्स में लगाते हैं वहीं ह्वांग का 20 बिलियन डॉलर्स का ज्यादातर पैसा लिक्विड मनी था और महज दो दिनों में ये सारा पैसा गायब हो गया।
आर्केगोस के नुकसान को मॉर्डन फाइनेंशियल इतिहास का सबसे ऐतिहासिक पतन बताया जा रहा है।ब्लूमबर्ग वेबसाइट के अनुसार, अब तक किसी भी इंसान ने इतनी तेजी से इतना सारा पैसा पहले कभी नहीं गंवाया है।