बीते कई दिनों से ‘सुल्ली डील्स’ ऐप का मामला चर्चा में है. इस ऐप के जरिए “मुस्लिम महिलाओं” का उत्पीड़न किया गया. इसमें बिना इजाज़त के कई मुस्लिम महिलाओं को फोटो अपलोड की गई. इन फोटो पर प्राइस टैग लगाया गया और फिर उनकी वर्चुअल नीलामी की गई. मुस्लिम महिलाओं को ‘सेक्स स्लेव’ के तौर पर पेश किया गया.
इस ऐप पर जिन-जिन मुस्लिम महिलाओं की फोटो अपलोड की गईं, उनमें से कई ने सामने आकर अपना एक्सपीरिएंस साझा किया. एक पीड़िता ने नोएडा सेक्टर 24 में FIR भी दर्ज कराई. दिल्ली महिला आयोग ने इस संबंध में दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने भी इस संबंध में FIR दर्ज की. हालांकि, कई दिन बीत जाने के बाद भी आरोपियों को पकड़ने में अभी तक पुलिस को सफलता नहीं मिली है. हालांकि, सुल्ली डील्स ऐप हटाया जा चुका है.
इसके अलावा सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी मानशिकता वाले व्यक्ति भी मौजूद हैं जो इस पूरे मामले को सही ठहराने में लगे हैं सुल्ली डील्स जैसे एप्प का समर्थन करते हुए नज़र आ रहे हैं अपने कुतर्कों के आधार पर.
क्रिया-प्रतिक्रिया वाला कुतर्क
इस आपराधिक हरकत को सही ठहराने के लिए कई लोग सोशल मीडिया पर बेतुकी और असंवेदनशील बातें लिख रहे हैं. मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध को जायज़ ठहराने वालों ने कहा कि इंटरनेट पर हिंदू महिलाओं के साथ भी ऐसा हो रहा है. वहीं ‘अनुराग श्रीवास्तव’ नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा,
“जिस तरह से मुसलमानों ने हिंदू लड़कियों को निशाना बनाया, उसी तरह हिंदुओं को भी मुस्लिम लड़कियों को निशाना बनाना चाहिए. जिस तरीके से रोज रोज सोशल मीडिया पर हिंदू लड़कियों को टारगेट किया जाता है, उसके मुकाबले सुल्ली डील्स कुछ भी नहीं है.”
इसी तरह के दूसरे ट्वीट्स भी नजर आए. एक ट्वीट में एक फोटो डाली गई. फोटो को पाकिस्तान का बताया गया. उसमें मौजूद लड़की को हिंदू बताया गया. लिखा गया कि पाकिस्तान में एक 13 साल की हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन कर उसकी शादी एक बूढ़े व्यक्ति से की जा रही है. लेकिन हमें तो किसी ‘स्टुपिड सुल्ली ऐप’ का प्रोटेस्ट करना है!
एक ट्वीट में इसी तरह की एक और बात लिखी गई. दावा किया गया कि पाकिस्तान में एक मुस्लिम लीडर ने 60 गरीब हिंदू मजदूरों का धर्म परिवर्तन करवा दिया. ट्वीट में जो आगे लिखा गया उसका मतलब है कि पाकिस्तान में इतना सब होने के बाद तो हिंदुओं को उन लिबरल्स को सपोर्ट करना चाहिए, जिन्होंने “सुल्ली डील्स” (Sulli Deals) का पर्दाफाश किया. जिसमें एक वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर अनजान फोटो की बोली लगाई गई.
‘दीपक कुमार पाल’ के अकाउंट से किए गए ट्वीट में भी कमोबेश ऐसा ही कुतर्क देखने को मिला. ट्वीट में कहा गया कि सुल्ली डील्स और कुछ नहीं बस एक प्रतिक्रिया है, जो बहुत ज्यादा ‘सहिष्णुता’ की वजह से पैदा हुई है.
वहीं एक और ट्वीट में कहा गया कि ट्विटर पर ऐसे बहुत से अकाउंट हैं, जिनमें ‘सुल्लों’ द्वारा हिंदू महिलाओं की फोटोज का यूज किया जाता है. लेकिन इसका विरोध नहीं हुआ. कार्रवाई नहीं हुई. सुल्ली डील्स (Sulli Deals) तो बस इसके खिलाफ प्रतिक्रिया है.
सुल्ली शब्द की तरह सुल्ला भी एक “अपमानजनक” शब्द है. इसी तरह के एक दूसरे ट्वीट में सुल्ली डील्स (Sulli Deals) मामले को जैसे को तैसा बताया गया.
रेडिट और टेलीग्राम पर पॉर्नोग्राफिक कंटेट
आपको बताते चलें कि ‘लिबरल डॉग्स’ नाम के यूट्यूब चैनल ने भी कुछ ऐसी घिनौनी वीडियोस साझा की थी उसके बाद उसके चैनल को बैन कर दिया गया. इस चैनल को रितेश झा नाम के शख्स ने बनाया था. जब सुल्ली डील्स के खिलाफ आवाज़ उठी तब रितेश झा का एक वीडियो सामने आया. यह वीडियो ‘प्रो डोगे न्यूज’ नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया है. इस वीडियो में रितेश अपने बचाव में एक कमजोर सी सफाई पेश कर रहा है. ईद के मौके पर किए गए लाइव के बारे में रितेश ने कहा कि उसने पाकिस्तानी महिलाओं की बोली नहीं लगाई थी, बस उनकी खूबसूरती को रेटिंग दी थी. दूसरी तरफ रितेश के खिलाफ पिछले साल भी एक शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें उसके ऊपर मुस्लिम महिलाओं का रेप करने और MMS बनाने की बात कहने का आरोप लगाया गया था. उसकी इन बातों के स्क्रीनशॉट्स सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं.
जब लोगों ने रितेश झा की गिरफ्तारी की मांग की तो उसके समर्थन में ट्वीट हुए. इन ट्वीट्स में भी कमोबेश यही क्रिया और प्रतिक्रिया वाला कुतर्क दिया गया. इस बीच खुद रितेश झा का एक और वीडियो सामने आया है. इसमें वो अलग-अलग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर हिंदू महिलाओं की फोटोज़ का गलत इस्तेमाल होने की बात कह रहा है. वो जिन प्लेटफॉर्म्स की बात कर रहा है उनमें मुख्य तौर पर टेलीग्राम, डिसकॉर्ड और रेडिट शामिल हैं. कुछ ट्विटर और इंस्टाग्राम अकाउंट के नाम भी सामने आए हैं.
ट्विटर पर हमें इंटरफेथ ट्रिपल एक्स नाम का एक अकाउंट मिला. जिसकी टाइमलाइन पॉर्नोग्राफिक कंटेट से भरी हुई है. ज्यादातर पोस्ट्स में दूसरे धर्म की महिलाओं को मुस्लिम पुरुषों के साथ सेक्स करते हुए दिखाया गया है. इनमें हिंदू महिलाएं भी शामिल हैं. कुछ पोस्ट्स ऐसी हैं, जिनमें यह दिखाने की कोशिश की गई है, जब दूसरे धर्म की महिलाओं ने मुस्लिम पुरुषों के साथ सेक्स किया, तो बाद में उन्होंने अपना धर्म परिवर्तन भी कर लिया. नीचे हम स्क्रीनशॉट मेंशन कर रहे हैं आप फोटो देखिए-
इस ट्विटर अकाउंट पर दो शब्दों का भी खूब यूज किया गया है. Hslut और Mstud. Hslut का यूज हिंदू महिलाओं को वैश्या के तौर पर दिखाने के लिए किया गया है और Mstud मुस्लिम पुरुषों को हीरो के तौर पर. इन्हीं शब्दों से जुड़े ‘टेलीग्राम ग्रुप्स’ और सबरेडिट्स के स्क्रीनशॉट्स सोशल मीडिया पर वायरल हैं. इन स्क्रीनशॉट्स में हिंदू महिलाओं के खिलाफ भद्दी बातें लिखी हुई हैं. ज्यादातर में पॉर्नोग्राफिक फोटो का यूज किया गया है.
हालांकि, जिस तरह से ‘सुल्ली डील्स’ की पीड़िताओं ने आगे आकर अपनी पहचान सामने रखी, उससे इतने ऐसे मामलों में हिंदू पीड़िताएं अभी तक आगे नहीं आई हैं. वहीं सुल्ली डील्स एक राजनीतिक मामला भी है. इसमें उन महिलाओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया गया है, जो बीजेपी सरकारों की आलोचना करती रहती हैं. सरकार से भिड़ने के लिए हर वक़्त तैयार रहती हैं. इन महिलाओं में कई मुस्लिम एक्टिविस्ट्स और पत्रकार भी शामिल हैं. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी इस पूरे मुद्दे पर अपना बयान जारी करते हुए इस बात को रेखांकित किया था. गिल्ड की तरफ से कहा गया था कि यह घिनौना हमला मुस्लिम महिलाओं और खुलकर वर्तमान सरकार का विरोध करने वालों के प्रति घटिया मानसिकता को दिखाता है. उन्हें बदनाम करने की राजनीतिक साजिश है।
आखिर में यही कि बात हिंदू या मुस्लिम औरतों की नहीं है. बात “औरतों” की है. धर्म विशेष के प्रति अपनी नफरत में लोग औरतों को ऑब्जेक्टिफाई कर रहे हैं, उनके खिलाफ भद्दी बातें लिख रहे हैं. ये किस तरह की नफरत है जो औरतों के शरीर और उनकी योनी के पार नहीं देख पाती. ये कैसे लोग हैं जिनको लगता है कि किसी औरत का रेप करके, उसकी नंगी तस्वीरें अपलोड करके, उसकी नीलामी करके उस धर्म से बदला लिया जा सकता है? जिस धर्म को वो मानती है? हिंदू हों या मुस्लिम, औरतों को इस तरह निशाना बनाने वाला, और इस तरह की हरकत को सही ठहराने वाला हर शख्स मानशिक रूप से बीमार है. आप धर्म को हटा दें, तो रेप करने वाले, रेप की धमकी देने वाले, औरतों को सेक्स ऑब्जेक्ट समझने वाले किसी भी शख्स को आप क्या मानेंगे? अपराधी राइट? धर्म के नाम पर इस तरह की बातें लिखने वाले लोग भी वही हैं. अपराधी. और ऐसे अपराधियों का बचाव करने की बजाए, उन्हें सपोर्ट करने के बजाए उनके खिलाफ रिपोर्ट करें. चाहे वो किसी भी धर्म का मानने वाला क्यों न हो किसी भी धर्म मे ये नहीं सिखाया जाता कि महिलाओं की इज़्ज़त नहीं करनी चाहिए या उन्हें किसी भी तरह से बदनाम करना चाहिए और ये तो हमारी सोच हमारी संस्कृति पर निर्धारित करता है कि हमें संस्कार कैसे मिले हैं।