देश में कोरोना वायरस के मामलों में रविवार को थोड़ी गिरावट आई है। रविवार को संक्रमितों की संख्या चार लाख से कम दर्ज की गई। इस दिन कुल 3,66,902 मामले सामने आए। वहीं, मौत के आंकड़े भी कुछ कम हुए हैं। रविवार को 3,751 लोगों ने अपनी जान गंवाई। जबकि बात की जाय गुजरात की तो गुजरात के सभी अखबारों में न्यूज़ के जगह पर शोक सन्देश से भरे पड़े आ रहे है मगर रुपानी को लॉक डाउन नहीं लगाना है शायद वह गुजरात को महाराष्ट्र बनाकर ही छोड़ेंगे ।
गुरुवार को देश में अब तक के सबसे अधिक 4,14,554 मामले दर्ज किए गए थे। इस दिन से रोजाना मरने वालों की संख्या में भी गिरावट आई है। हालांकि सीएफआर (केस फेटेलिटी रेट) पिछले तीन दिन से एक फीसदी पर बनी हुई है। सीएफआर यानी कुल संक्रमितों में से वो संख्या जिनकी वायरस से मौत हुई है। गुरुवार को 11894 नए केस मिले जबकि ज्यादा तर लोग टेस्ट नहीं करना चाहते है उनको अलग दर समां सा गया है
गुजरात में टेस्टिंग से डर रहे है लोग
गुजरात में कोरोना की टेस्टी से इतने ज्यादा डरे लोग है की टेस्टिंग ही नहीं करा रहे है की टेस्टिंग होगा तो उन्हें आइसोलेट करना होगा इस वजह से कोरोना के मामले को गुजरात सरकार छुपाने में कामयाब रही है । यही नहीं कोरोना हो जाने पर भी ज्यादातर प्राइवेट डाक्टरों से इलाज करा रहे है लोग और उनके अंदर यह डर समां गया है की नकली रिपोर्ट बता के कोरोना के चक्कर में अस्पताल में भर्ती कर रही है सरकार इस वजह से सभी गुजरात के लोग प्राइवेट डाक्टरों से सलाह ले के काम कर रहे है ।
क्यों लॉक डाउन नहीं लगा रहे रुपाणी।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय भाई रुपाणी को बस यह हुवा है की यदि हम लॉक डाउन लगा देंगे तो हमारी आर्थिक स्तिथि पे झटका आएगा और उनके यहाँ ज्यादातर प्रवाशी लोग काम कर रहे है यदि मर भी जायेंगे तो कोई बात नहीं कौन सा उनके राज्य के लोगो की मृत्यु हो रही है इसलिए लॉक डाउन से साफ इंकार कर रहे है रुपाणी ।