क्या आप जानते है दुनिया में जो बड़े-बड़े फ्रॉड हुए हैं, उसमें ‘वनकॉइन’ फ्रॉड भी एक है. आप सोच रहे होंगे कि किसी बहुत शातिर, बद-दिमाग शख्स ने करोड़ों रुपये की लूट को अंजाम दिया होगा. ऐसा नहीं है. दुनिया को सकते में डाल देने वाले इस लूटकांड को एक बेहद खूबसूरत महिला ने अंजाम दिया था. उस महिला को तब ‘रूप की रानी’ या क्वीन भी कहा गया. ताज्जुब की बात है कि यह लूट डॉलर, पौंड, यूरो में नहीं हुई थी. बल्कि यह लूटकांड क्रिप्टोकरंसी की हुई थी. तब लोग डिजिटल करंसी से बहुत कम वाकिफ थे.
आइए बात करते हैं उस खूबसूरत महिला की जिसने क्रिप्टो लूट को अंजाम दिया. इस ‘क्रिप्टो क्वीन’ का नाम है रूजा इग्नाटोवा. इनका जन्म 1980 में बुल्गारिया के सोफिया में हुआ. 10 साल की उम्र में सोफिया को अपने परिवार के साथ जर्मनी कूच करना पड़ा. साल 2005 में रूजा ने कोंसटांज यूनिवर्सिटी से लॉ में डॉक्टरेट की उपाधि ली. इसके बाद रूजा मैकिंजे एंड कंपनी से जुड़ गईं और मैनेजमेंट कंसलटेंसी का काम शुरू कर दिया. यह कंपनी अपने आप में दुनिया में अव्वल स्थान रखती है.
ऐसे हुई लूट की प्लानिंग
आइए जानते हैं कि घोटाला कैसे हुआ और इसकी प्लानिंग कैसे की गई. रूजा इग्नाटोवा ने दुनिया के इनवेस्टर्स को न्योता दिया और पैकेज का ऐलान किया. यह पैकेज था क्रिप्टोकरंसी वनकॉइन को माइन करने और उस पर पैकेज पाने का. वनकॉइन की कीमत एक वेबसाइट पर दिखाई जाती थी. वेबसाइट पर जनवरी 2015 में वनकॉइन की कीमत 0.43 पौंड थी जो 2019 में 25 पौंड पर पहुंच गई. हालांकि यह किसी वास्तविक लेनदेन पर आधारित डेटा नहीं था, लेकिन तब भी लोग इस क्रिप्टो के दीवाने थे. ऑर्डिनरी डेटाबेस में करंसी की ओनरशिप मेंटेन होती थी. उस वक्त करंसी का कोई ब्लॉकचेन या डिजिटल लेजर नहीं था. यह एक तरह से पोंजी स्कीम की तरह था जिसमें लोगों को अगर क्रिप्टो बेचना होता था तो उन्हें पैसे भेजे जाते थे