Facts Questions. सऊदी अरब में ना नदी है और ना ही झील, तो फिर पानी कहाँ से आता है?

हमारी धरती कहीं हरी-भरी है तो कहीं सिर्फ और सिर्फ रेगिस्तान है। अगर हम सऊदी अरब की बात करें तो यहाँ की भूमि रेतीली है और यहा बारिश बहुत कम मात्रा में होती है। लेकिन इस देश में तेल भारी मात्रा में होता है जिसकी वजह से यह देश ‘सबसे अमीर देशो’ में से एक है। लेकिन यहां पर पानी की बहुत ज़्यादा मात्रा में कमी है।

आपको जान कर बहुत ही हैरानी होगी की इस देश में पीने लायक पानी नहीं है। सऊदी में ना ही एक नदी है और ना ही कोई झील है। लेकिन पानी के कुवे है जिसमे पानी ही नहीं है। इस देश में बेशुमार सोना है लेकिन पिने के लिए पानी ही नहीं है। अब आप सोचते होंगे की आखिर वहाँ के निवासी पानी कैसे पीते होंगे क्योंकि पानी के बिना जीवन असंभव है।

तो सऊदी अरब पीने के लिए पानी कहां से लाता होगा? ये सभी सवाल आपके मन में आ रहे होंगे। और शायद ही इस साल का जवाब किसी को पता होगा। इसलिए आज हम अपने इस पोस्ट में आपको बताएंगे की आखिर सऊदी अरब पिने का पानी कहाँ से लाता है। कैसे यहाँ पानी का उपयोग किया जाता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दे, सऊदी अरब में महज ‘एक फीसदी जमीन ही खेती के लायक है’। और जिसमे सिर्फ कुछ-कुछ सब्जियां ही उगाईं जा सकती है। क्योंकि अगर धान और गेहूं जैसी फसलें उगाई जाए तो उसके लिए भारी मात्रा में पानी की जरूरत पड़ती है। बताते चले एक बार यहां गेहूं की खेती शुरू की गई थी। लेकिन पानी की कमी की वजह से उसे बंद करना पड़ा।

बता दे सऊदी को अपने खाने-पीने का सारा सामान विदेशों से ही खरीदना पड़ता है। क्योंकि उनके यहाँ कुछ भी नहीं उग पाता है। तो वहीं दूसरी तरफ अब सऊदी अरब के पास भूमिगत जल बहुत कम मात्रा में बचा है। जो बहुत ही नीचे अस्तर में चला गया है। लेकिन ऐसा अनुमान लगाया जा रहा ही है कि आने वाले कुछ सालों में यह भी पूरी तरह खत्म हो जाने वाला है।

एक रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है की पहले इस देश में पानी के बहुत सारे कुएं थे। जिनका इस्तेमाल ही हज़ारो सालों से होता चला आ रहा था। लेकिन जैसे-जैसे आबादी बढ़ती गई, भूमिगत जल का दोहन भी यहां बढ़ता गया। जिसके कारण धीरे-धीरे कुंओं की गहराई बढ़ती गई और कुछ ही सालों में कुवां पूरी तरह सूख गया।

सबसे अहम बात तो यह है की यहां बारिश साल में एक या दो दिन ही होती है। और वो भी खूब तूफानो के साथ। ऐसे में उस पानी को जमा करना संभव नहीं है और न ही उससे भूमिगत जल के दोहन की भरपाई की जा सकती है। जानकारी के लिए बता दे, यहां समुद्र के पानी को पीने लायक बनाया जाता है। वैसे तो समुद्री पानी खारा होता है जिसमे नमक की मात्रा ज्यादा होती है लेकिन इसे फिल्टर्ड करके पीने योग्य बनाया जाता है।

इसलिए डिसालिनेशन यानी विलवणीकरण के द्वारा समुद्र के पानी से नमक को निकाला जाता है। तब जाकर वह पानी पीने लायक बनता है। बताते चले एक रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब तेल से हुई बेशुमार कमाई का एक हिस्सा समुद्र के पानी को पीने लायक बनाने में खर्च कर देता है। जिसके बाद वहां पिने का पानी मिलता है।

जो कि रेगिस्तान में नदी, तालाब या कुवां होना ही अपने आपमे किसी कुदरत के करिश्मे से कम न होगा ऐसे में सऊदी जैसी जगह में तेल के कुवे बहुत हैं हालांकि सऊदी में एक कुवां है जिसमे हमेशा पानी पीने योग्य निकलता है लेकिन वो मक्का में है जब लोग हज पर जाते हैं तो वहीं से कुछ पानी लेकर आते हैं जिसे जमजम कहा जाता है और वो पानी मक्का के एक कुवे से ही निकलता है।

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