कहा गया है की इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है | अगर किसी की जान बचा ली जाए तो वह भगवान का रूप मना जाता है | आपको बता दें की हम जो घटना आपको बताने जा रहे है यह केरल की है | केरल में रहने वाले एक व्यक्ति ने यह साबित कर दिया है | आपको बता दें कि हम आपको जो खबर बताने जा रहे है, उसमे इस इंसान ने मरी हुई बिल्ली के पेट से 4 बच्चों को निकालकर उन्हें जीवनदान दिया |
बताया जा रहा कि यह पुण्य का कार्य एक केरल के गरीब मजदूर ने किया है | 39 वर्षीय इस व्यक्ति ने बिना किसी चिकित्सा के प्रशिक्षण के एक बिल्ली के पेट से बच्चों को सुरक्षित बाहर निकला है| उन्होंने बच्चो को बचाकर यह कारनामा कर दिखाया है | व्यक्ति का नाम वक्कटवेट्टिल हरिदास है, यह मथिलाकम के थ्रीपेकुलम के निवासी है जो कोडुंगलर में रहते है।
यह घटना तब की है, जब इन्होंने सड़क पर किसी गाड़ी से चोट खाई एक मरी हुई बिल्ली को देखा। तब उन्होंने उस बिल्ली को देखा तो पता चला कि उसके पेट बच्चे हैं, फिर उनके मन में आया की क्यों ना इस बच्चे को बचाया जाए | इसी कारण अपनी मोटरसाइकिल को सड़क किनारे एक तरफ को रोककर उन्होंने जब इस बिल्ली को अपने हाथों में उठाया तो उन्हें पता चला की इस बिल्ली के पेट में तो बच्चे है। उन्होंने पास की दुकान से उन्होंने एक ब्लेड खरीद कर बिल्ली की सर्जरी कर उसके पेट से 4 बच्चों को बाहर निकाल लिया |
उस वक्त उनके पास बिल्ली के बच्चे की नाक से एमनियोटिक द्रव निकालने के लिए कुछ भी सामान उपलब्ध नहीं था, इसी वजह से उन्हें चूसना पड़ा | बाद में विधायक के द्वारा बिल्ली के बच्चों की देखभाल करने के लिए इन्हें ज्यादा से ज्यादा समर्थन मिला वक्कटवेट्टिल हरिदास की सेहत को ध्यान में रखते हुए एमनियोटिक द्रव चूसने से उनकी तबीयत खराब ना हो, इसलिए उनका भी ध्यान रखने को कहा | इस प्रकार की घटना हमें बहुत ही भाउक को बना देती है।
आज भी कहीं ऐसे लोग मौजूद है, जो इंसानियत के नाते सबकी मदद करते हैं, और यह वक्कटवेट्टिल हरिदास ने यह सिद्ध कर दिया है |