हरिद्वार कुंभ मेले के मालमे में नया खुलासा हुआ है,आपको बता दें की यहा लाखों नकली Covid-19 टेस्ट नकली रिपोर्ट बनाई गई थी है। एक जांच के अनुसार बताया गया कि कुंभ मेले में जिस फर्म को कोरोनावायरस टेस्ट का कार्य दिया था उन्होंने इन्हे सिर्फ कागजों पर ही किया है । फार्म के द्वारा जिन लैब्स को कार्य दिया था , उन्होंने कथित तौर पर लाखों नकली कोरोना टेस्ट कर दिए ।
एक जाँच में कागजात से में पाया कि हरिद्वार कुंभ प्रशासन के द्वारा अप्रैल महीने में मैक्स कंसल्टेंसी सर्विस के साथ मिलकर Covid-19 टेस्ट के लिए एक MoU बनाया गया और उस पर साइन किया गया था । पेपर के द्वारा इस मामले में पता चलता है, की कंसल्टेंसी RT-PCR टेस्ट के सैंपल और रैपिड एंटीजन को इक्कठा करने हेतु दो लैब की व्यवस्था थी ।
यह हजारो टेस्ट फर्जी थे इसका पता विपिन मित्तल जो की पंजाब के निवासी है, इनकी शिकायत के बाद मामला खुल पाया है | एक रिपोर्ट में पाया गया की दिल्ली में भीकाजी कामा प्लेस इलाके में ऐसा कोई भी ऑफिस नहीं था |
आपको बता दें कि विपुल मित्तल एलआईसी एजेंट है , उन्हें 1 दिन s.m.s. से कोराना टेस्ट की रिपोर्ट मिली यह रिपोर्ट तो नेगेटिव थी |पर वह अचानक चौक गए क्योंकि उन्होंने आरटी पीसीआर टेस्ट नहीं करवाया था , मित्तल को लगा कि उनका निजी डेटा चोरी कर लिया गया है , और कोई इसका दुरुपयोग कर रहा है |
इसलिए उन्होंने पहले स्थानीय अधिकारियों से जानकारी ली पर उन्होंने इस मामले में मना कर दिया | स्वास्थ्य विभाग ने भी इस मामले में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई | इसके बाद भी मित्तल ने ICMR से शिकायत की ICMR ने विपुल मित्तल के इस मामले पर कई दिन बीत गए, उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई | इसके बाद उन्होंने सच का पता लगाने के लिए एक RTI दायर की कि वास्तव में यह मामला क्या है |
बाद में मामले में पता चला है, कि जिसने विपिन मित्तल का टेस्ट किया था वह लैब हरिद्वार में है |
घोटाले में एक लाख से ज्यादा फर्जी रिपोर्ट बनाई गई थी | कुंभ में अलग-अलग लैब्स के साथ RTPCR टेस्ट के लिए 500 और एंटीजन टेस्ट के लिए 354 रूपये का चार्ज लगाने का समझौता था |
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के द्वारा कहा गया हरिद्वार का प्रशासन अभी जांच कर रहा है,और हमें उम्मीद है कि निष्पक्ष रिपोर्ट आएगी | आपको बता दें कि, कुंभ मेले में 22 लेब ने अपने चार लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए थे |