अभी कोरोना की दूसरी लहर का कहर गया नहीं की तीसरी लहर ने आने के लिए संकेत देने लगी है । सीरो सर्वे के मुताबिक, पहली और दूसरी लहर में कुल 40 फीसदी बच्चे कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर का खतरा देश के बाकी 60 फीसदी बच्चों पर मंडरा रहा है। जिसका परिणाम भी अब सामने आने लगा है। वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि देश जल्द ही कोरोना महामारी की तीसरी लहर की चपेट में आ सकता है, जो बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगी।
इस बीच आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल-मई 2021 के दौरान देश के महज 2 राज्यों में 90 हजार बच्चे कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि जब महज 2 राज्यों में 90 हजार बच्चे संक्रमित हो गए तो पूरे देश का क्या हाल होगा? क्या देश अभी से तीसरी लहर की चपेट में आ चुका है?
सीरो सर्वे के मुताबिक अबतक 54000 केस मध्य प्रदेश में जबकि तेलंगाना में 37 हजार और अहमद नगर में 9000 बच्चे कोरोना पॉजिटिव मिले है ।ऐसे में सवाल उठने लगा है कि जब महज 2 राज्यों में 90 हजार बच्चे संक्रमित हो गए तो पूरे देश का क्या हाल होगा? क्या देश अभी से तीसरी लहर की चपेट में आ चुका है?
बच्चो के ICU नहीं
ऐसे में यह सबसे बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है , यदि ऐसा हुआ तो क्या होगा क्योकि बाल रोग विशेषज्ञों ने बताया की तीसरी लहर का असर अगर बच्चों पर पड़ा तो हालात बेहद खराब हो सकते हैं। दरअसल, बच्चों के इलाज के लिए खास आईसीयू यानी पीआईसीयू की जरूरत होती है, जो चुनिंदा शहरों के अलावा देश में कहीं नहीं हैं। पीआईसीयू बेड सामान्य आईसीयू बेड से अलग होते हैं, जिन्हें बच्चों के लायक बनाना आसान नहीं है।