कोरोना एक ऐसी महामारी जो की पुरे विश्व को झकझोर को रख दी है वही इसका सीधा असर देश के आर्थिक स्तिथि पर पड़ा है कोरोना वायरस से भी बड़ी महामारी बनती जा रही है. जल्द ही बेरोजगारी कम नहीं की गई तो ये महामारी भारत की मुसीबत बढ़ा देगा. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने यानि मार्च 2021 में भारत में बेरोजगारी दर 6.5 फीसदी है. -शहरी इलाकों में बेरोजगारी की दर 7.1 फीसदी तो ग्रामीण इलाकों में 6.2 फीसदी है. यानि शहरों में बेरोजगारी की समस्या ज्यादा है.
ऐसे में उन लोगो के लिए कोरोना ने भुखमरी फैला दिया है जो की मनुष्यो के पांव तले अपना पेट चलाती है । आप समझ गए होंगे की कोरोना कॉल में सबसे ज्यादा दुसरो की गर्मी को दूर करने वाली महिलाये जो की आज कोरोना काल में भुखमरी के शिकार हो गई है । उनका कहना है की जब से लॉक डाउन लगा है कोई कस्टमर नहीं मिल रहा जहाँ हम दिन में 7-8 कस्टमर मिल जाते थे वही इस समय हम भूख से मर रहे है । और ऐसी स्तिथि में ऐसे महिलाये ने बताया की हमें कोई खाने के लिए भी देता और उसके बदले में हमें तने सुनना पड़ता है ।
कुछ तो महिलाये इनमे से ऐसी भी है की जो अपने परिवार को और अपने बेटे और बेटी के अच्छे परवरिश के लिए यह कदम उठाई है । उनका कहना है की हम हर महीने अपने माँ को 3000 रूपया भेजते थे जिससे वह अपना खाना पीना और मेरी बेटी को दूध दवा के काम आता था । आज वह भी रो रही है मई क्या करू मई अकेली हु पूरा घर का खर्च नहीं सहा जाता यही नहीं मै दूसरे के यहाँ काम करने के लिए भी तैयार थी मगर झाड़ू पोछा बर्तन के 3000 रूपया बस मिल रहा था । मै क्या करती मुझे मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा।अब मै क्या करू मुझे कुछ नहीं समझ में आ रहा है ।