कविताये तो अपने सुनी ही होगी । बहुत सारी कविताये जो की बच्चो के मनोरंजन के लिए सुनाये जाते है और साथ ही खासकर छोटे बच्चो के किताब में कबिताये सबको भाती है ।राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानी NCERT की एक कविता को लेकर खासा विवाद छिड़ा हुआ है. जो की कक्षा 1 के हिंदी की किताब में है ।
जिस कविता को लेकर विवाद है, वो कक्षा एक की ‘रिमझिम’ नाम की किताब में पढ़ाई जाती है. तीसरे चैप्टर में छपी इस कविता का शीर्षक ‘आम की टोकरी’ है. एक पक्ष को यह कविता इसमें प्रयोग हुए शब्दों जैसे ‘छोकरी’, ‘चूसना’, ‘दाम’ इत्यादि के कारण द्विअर्थी और बाल मजदूरी को बढ़ावा देने वाली नजर आ रही है, वहीं दूसरे पक्ष को इसमें कुछ भी गलत नजर नहीं आ रहा. मगर फिर भी इसको नयी किताबो में से निकालने की बात की जा रही है ।
छह साल की छोकरी,
भरकर लाई टोकरी.
टोकरी में आम हैं,
नहीं बताती दाम है.
दिखा-दिखाकर टोकरी,
हमें बुलाती छोकरी।
हमको देती आम है,
नहीं बुलाती नाम है.
नाम नहीं अब पूछना,
हमें है आम चूसना.
कक्षा एक की ‘रिमझिम’ नाम की किताब में पढ़ाई जाती है. तीसरे चैप्टर में छपी इस कविता का शीर्षक ‘आम की टोकरी’ है. एक पक्ष को यह कविता इसमें प्रयोग हुए शब्दों जैसे ‘छोकरी’, ‘चूसना’, ‘दाम’ इत्यादि के कारण द्विअर्थी और बाल मजदूरी को बढ़ावा देने वाली नजर आ रही है।
ये किस ‘सड़क छाप’ कवि की रचना है ?? कृपया इस पाठ को पाठ्यपुस्तक से बाहर करें. pic.twitter.com/yhCub3AVPR
— Awanish Sharan (@AwanishSharan) May 20, 2021