अपने इरादों को पूरा करने के लिए चीन किसी भी हद तक जा सकता है हम आए दिन सुन रहे हैं कि चीन किसी न किसी का डाटा चुराता ही रहता है। चीन ने अपने सैनिकों को शक्तिशाली बनाने के लिए ऐसा काम किया है कि अमेरिका भी इसकी वजह से काफी परेशान है।
चीन सरकार की सोच
चीन अपने सैनिकों को ज्यादा ताकतवर बनाने के लिए गर्भवती महिलाओं के जेनेटिक डाटा का चोरी-छिपे अध्ययन करके अनुवांशिक रूप से सैनिक तैयार करने की कोशिश कर रहा है। अमेरिकी सलाहकारों का कहना है कि इस जानकारी के जरिए अपनी सैनिकों को ज्यादा ताकतवर बना देगा जो भविष्य में अमेरिका के लिए बहुत ही खतरनाक साबित होगा।
चीनी कंपनी डाटा जांच के लिए प्रसिद्ध
रिपोर्ट की माने तो चीनी कंपनी पीजीआई ग्रुप ने अभी तक 80 लाख चीनी महिलाओं का डाटा अनैतिक ढंग से चुरा लिया है और यह कंपनी दुनिया भर में गर्भवती महिलाओं के डाटा जांच कराने के लिए प्रसिद्ध है इस जांच में यह पता चलता है कि उनमें कोई जीन संबंधी दोष तो नहीं है। जांच के बहाने पीजीआई ग्रुप में बड़ी तादाद में गर्भवती महिलाओं का डाटा इकट्ठा कर लिया हैं।
चीन ने गर्भवती महिलाओं की यह जानकारियां चुराई
जीन डाटा में महिलाओं की उम्र, वजन, लंबाई व जन्म स्थान की जानकारी हैं। इसी के आधार पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के के जरिए वह ऐसे गुण का पता लगा रहे हैं जिसके जरिए वह आगे पैदा होने वाली आबादी के शारीरिक गुणों में बदलाव कर सकें।
अमेरिकी सलाहकारों का रिपोर्ट
अमेरिका के सरकारी सलाहकारों ने रिपोर्ट में कहा है कि बड़ी तादाद में जीनोमिक डाटा के पहुंच के जरिए चीन को आर्थिक और सैन्य लाभ मिल सकता है। चीन आनुवंशिक रूप से उन्नत सैनिकों को विकसित कर सकता है। वह सैनिक ऐसे होंगे जिनको ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने पर उन्हें सुनने और सांस लेने में कोई परेशानी ना हो साथ ही वह अन्य सैनिकों की अपेक्षा में अधिक शक्तिशाली हो।
सलाहकारों ने यह भी बताया कि इस डाटा के जरिए चीन फार्मा क्षेत्र में वैश्विक दबाव बनाकर खाद्य आपूर्ति को निशाना बनाकर अमेरिका के सामने चुनौती खड़ी कर सकता है।
चीन की सोच और हॉलीवुड की फिल्म
चीन के जिस तरह की सेना बनाने को लेकर काम कर रहा है उस पर
1998 में एक हॉलीवुड फिल्म बनायी जा चुकी है। सोल्जर शीर्षक से बनायी एक साइंस फिक्शन में जीन लक्षणों की इंजीनियरिंग के जरिए बेहद खतरनाक सेना तैयार की गई। इस फिल्म में दिखाए गए सैनिक बहुत अधिक क्षमतावान थे।
अब चीन इस फिल्म को चरितार्थ का रूप देने का प्रयास कर रहा है।