देश में लगातार खाद्य तेल का भाव उछाल मार रहा है । इसका वजह कोई और नहीं बल्कि चीन है, चीन के रिकॉर्ड तेल की खपत के वजह से हर दिन तेल के भाव में काफी उछाल आया है । जिसका वजह यह है की घरेलू जरूरत का 70 प्रतिशत खाद्य तेलों का विदेशों से होता है आयात, चीन में खाद्य तेलों की खपत में रिकॉर्ड बढ़त से अंतरराष्ट्रीय बाजार में उछले दाम। जिस वजह से समस्त खाद्य तेल से निर्मित मिठाईया और समोसे अदि प्रकार के व्यंजन का दाम में बढ़ोतरी आ रही है ।
चीन के कारण पुरे देश का बजट डमाडोल स्तिथि से गुजर रहा है । खबर है कि चीन में खाद्य तेलों की खपत बढ़ जाने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद्य तेलों की कीमतों में उछाल आया है। इसका सीधा असर भारत के घरेलू बाजार पर पड़ा है जो अपनी कुल खाद्य तेल की जरूरत का 70 प्रतिशत हिस्सा विदेशों से आयात करता है। भारतीय बाजारों में खाद्य तेलों की कीमतें 170-180 रुपये प्रति लीटर से 200 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई हैं। इससे किचन के साथ-साथ नाश्ते में इस्तेमाल होने वाली चीजों के दाम भी बढ़ गए हैं।
दी सेंट्रल आर्गेनाइजेशन फॉर आयल इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड के अनुसार अनुमानत: भारत में प्रति वर्ष लगभग 2.5 करोड़ लीटर खाद्य तेल की खपत होती है। अपने घरेलू उत्पादन से भारत इसमें से केवल 90 लाख लीटर के आसपास की जरूरत पूरी कर पाता है। बाकी 1.40 या 1.50 करोड़ लीटर खाद्य तेल के लिए भारत अर्जेंटीना, कनाडा, मलयेशिया, ब्राजील और अन्य दक्षिणी अमेरिकी देशों पर निर्भर करता है