कुछ दिन बाद जुलाई के महीने में सावन मास शुरू होता है जोकि सभी शिव भक्तों के 1 साल तक किया गया इंतजार वाला दिन होता है सावन के महीने में सभी शिव भक्तों का इच्छा रहता है कि वह वह बोल बम जाए और बाबा भोलेनाथ को जल जल चढ़ाए.
पिछली बार कोरोना के कारण सभी मंदिर बंद रहे जिस कारण सभी श्रद्धालु थोड़ा निराश है इस बार भी दरअसल कोरोना के तीसरी लहर को मद्दे नजर रखते हुए सभी राज्य सरकार ने यह फैसला किया है की इस बार भी मंदिर बंद रहने की संभावना है. हालांकि कुछ राज्य सरकारें उनकी विरोध भी कर रही हैं उत्तराखंड इससे सहमत नहीं है कि वह मंदिर का कपाट खोलें.
कोरोना काल के दुसरी लहर के दौरान लगाए गए कुंभ के मेले आपने देखा होगा जिस प्रकार कोरोना की दूसरी लहर आई थीं. इसी कारण पूरी राज्य सरकारें डर गई हैं. हालांकि योगी सरकार को कुछ मंदिरों को खुलवाना चाहती हैं. इसके लिए उन्होंने कुछ मुख्यमंत्रीयों से बात भी की हैं. शायद कुछ मंदिर के दर्शन चालू कर दे. देखना यह होगा की बोल बम की यात्रा इस साल भी चालू होने में सफल रहती है अथवा नहीं. श्रद्धालुओं को इस फैसले का बहुत ही बेसब्री से इंतजार है. यदि मंदिर खुल भी जाता है तो कितना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होगा यह देखना ही होगा.
पूरा सावन का महीना बाबा भोलेनाथ के दरबार में कांवरियों का पूरा मेला रहता है जिसमें कोरोना एक झमेला बनकर आया है देखना यह होगा की कोरोना क्या इस बार भी कांवरियों के मेला रोक सकता है.
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