यह जानना हमारे लिए बहुत ही रोचक होगा कि आखिर Bluetooth का नाम Bluetooth ही क्यूँ पड़ा blacktooth या whitetooth या विभिन्न प्रकार के रंग है. Bluetooth का हिन्दी अनुवाद नीला दांत होता है. ये सुनने में थोड़ा अजीब है, लेकिन क्या आप जानते हैं इस नाम के बीच की क्या कहानी है.
आइए जानते हैं कैसे पड़ा Bluetooth का नाम.
मध्ययुगीन स्कैंडिनेवियाई राजा के नाम पर पड़ा है.ब्लूटूथ का नाम, ब्लूटूथ एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसके जरिए आप बिना किसी तार के एक सीमित दूरी के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे फोन, कम्प्यूटर आदि को एक-दूसरे से कनेक्ट करते हैं. ब्लूटूथ के माध्यम से आप एक दूसरी डिवाइस में डेटा भेज सकते हैं.
ब्लूटूथ के मालिक ने उस राजा के नाम पर ही इस टेक्नोलॉजी का नाम क्यों रखा. ऐसे में कहा जाता है कि ब्लूटूथ के मालिक Jaap HeartSen, Ericsson कंपनी में Radio System का काम करते थे. इसमे Ericsson और नोकिया और intel तीनों कंपनी मिल कर एक ग्रुप meeting की,इस ग्रुप की मीटिंग के दौरान ही ये नाम आया था, जब इंटेल के मालिक Jim Kardach ने राजा के बारे में बताया और उसके बाद इस कहानी से ब्लूटूथ का नाम निकला. हालांकि, इंटरनेट पर कई लोग इसे जोड़कर अन्य कहानियां भी बताते हैं. उस राजा के आगे का एक दांत नीला था उनके उस दांत की वजह से उनका नाम Bluetooth था उसी के अनुसार आज Bluetooth का नाम पूरी दुनियां में विख्यात हैं.