इसरो (Indian Space Research Organization) भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान की वो मजबूत पहल जिसे देख के दिल गर्व से फुल के गद गद हो जाता है । पहले चरण में मगल यान भेजके पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना देने वाले इसरो इनदिनों एक सेटेलाइट का निर्माण कर रहे है जिससे अंतरिक्ष से पूरा भारत पे पैनी नजर रखी जाएगी ।
भारतीय सेना को मिला इसरो का तोहफा
भारत के लिए खुशखबरी , क्यों की चीन और पाकिस्तान के हमेशा घिनौनी हरकत से बचने के लिए इसरो ने एक ऐसा SATELITE तैयार कर रखे है । जो की 16 अप्रैल को लांच करेंगे इसरो जो की आतंकवादियों से बचने तथा दुश्मन के पल पल की खबर देगा इसरो की ये सेते लाइट जो की पृथ्वी के 36000Km ऊपर से चक्कर लगाती रहेगी । इस इस जियो-इमेजिंग सैटेलाइट का नाम है EOS-3/GISAT-1 (Earth Observation Satellite-3/Geosynchronous Satellite Launch Vehicle F10).
जाने कहा और कब लांच किया जायेगा जियो-इमेजिंग सैटेलाइट
EOS-3/GISAT-1 की लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा द्वीप पर स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर जो की आंध्रप्रदेश में है वहां से की जाएगी । लॉन्चिंग के लिए GSLV-MK2 रॉकेट का उपयोग किया जायेगा । और यहाँ पृत्वी के ऊपर 36000 km पर पृथ्वी का चक्कर लगाती रहेगी और खाश कर भारत में आने वाली बाधाओं को बताएगी
जाने EOS-3/GISAT-1 (Earth Observation Satellite-3/Geosynchronous Satellite Launch Vehicle F10). सैटेलाइट की ताकत .
EOS-3/GISAT-1 (Earth Observation Satellite-3/Geosynchronous Satellite Launch Vehicle F10). सैटेलाइट की ताकत है की इसके कैमरे. इस सैटेलाइट में तीन कैमरे लगे हैं. पहला मल्टी स्पेक्ट्रल विजिबल एंड नीयर-इंफ्रारेड (6 बैंड्स), दूसरा हाइपर-स्पहाइपर-स्पेक्ट्रल विजिबल एंड नीयर-इंफ्रारेड (158 बैंड्स) और तीसरा हाइपर-स्पेक्ट्रल शॉर्ट वेव-इंफ्रारेड (256 बैंड्स). पहले कैमरे का रेजोल्यूशन 42 मीटर दूसरे का 318 मीटर और तीसरे का 191 मीटर. अर्थात कोई भी वास्तु आसानी से इसमें कैद हो जाएगी जिसकी सूचना भारत वाशी को मिलेगा
सैटेलाइट के फायदे
इस सॅटॅलाइट को लगाने से हमें पुरे भारत में आपदा जैसे , भूकंप , बाढ़, भूस्खलन , या कृतिम आपदा सबके बिषय में जानकारी लिया जायेगा ।