शादी के बाद सुनी ताने और अपने 2 साल के बच्चे से रहना पड़ा दूर फिर अनु कुमारी ने किया कुछ ऐसा की दुनिया मे मिशाल कायम हो गया.

इंसान का गिरना और उठना यह तो हमेशा से चला आया है.कहते हैं कि अगर इंसान अपनी जिंदगी में कुछ करने की ठान ले और पूरी लगन से प्रयास करे तो उसे सफलता जरुर मिलती है। जिस शख्सियत के बारे में आज हम यहां जिक्र कर रहे हैं उनको कभी समाज ताने दिया करता था लेकिन उन्होंने इसकी जरा भी परवाह नहीं कि और अपनी मंजिल हासिल कर ही वो रुकीं। महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन चुकीं अन्नु कुमारी की कहानी बेहद ही दिलचस्प है। हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली अन्नु कुल चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थीं। अन्नु के पिता एक अस्पताल के एचआर डिपार्टमेंट में थे। घर की आमदनी कुछ खास नहीं थी और आर्थिक तंगी एक विकराल समस्या शुरू से रही थी तब.

Anu

अन्नु की शरुआती पढ़ाई-लिखाई हरियाणा में ही हुई फिर स्कूल के बाद उन्होंने हिंदू कॉलेज, दिल्ली से फिजिक्स में डिग्री ली। वो हर रोज सोनीपत से दिल्ली ट्रेन से अप-डाउन करती थीं। पहली बार अन्नु ने घर के बाहर कदम रखा तो नागपुर के लिये, जहां से उन्होंने एमबीए किया। एमबीए के बाद अन्नु की कैंपस प्लेसमेंट से एक बैंक में मुंबई में जॉब लग गयी और उन्होंने दो साल तक वहां नौकरी की। 2012 में वे मुंबई से गुरुग्राम आ गईं, जहां उनकी शादी हो गई। यहां तक अन्नु की जिंदगी में सबकुछ सामान्य चल रही थी

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इस बीच एक दिन अन्नु के छोटे भाई ने उन्हें यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने की सलाह दी। हालांकि, इस संबंध में कोई फैसला लेना अन्नु के लिए इतना आसान नहीं था। अन्नु अपने एक बेटे के साथ-साथ पूरे परिवार का ख्याल रखती थीं। ऐसे में इस परीक्षा की तैयारी करना कोई आसान बात नहीं थी। शुरुआत में अन्नु ने अपने ससुराल में ही यूपीएससी की तैयारी शुरू की। लेकिन अन्नु के लिए ससुराल में तैयारी कर पाना संभव नहीं हो पा रहा था क्योंकि उनका ज्यादातर वक्त अपने बेटे की देखभाल में गुजर जाता था।

इस बीच एक दिन अन्नु के छोटे भाई ने उन्हें यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने की सलाह दी। हालांकि, इस संबंध में कोई फैसला लेना अन्नु के लिए इतना आसान नहीं था। अन्नु अपने एक बेटे के साथ-साथ पूरे परिवार का ख्याल रखती थीं। ऐसे में इस परीक्षा की तैयारी करना कोई आसान बात नहीं थी। शुरुआत में अन्नु ने अपने ससुराल में ही यूपीएससी की तैयारी शुरू की। लेकिन अन्नु के लिए ससुराल में तैयारी कर पाना संभव नहीं हो पा रहा था क्योंकि उनका ज्यादातर वक्त अपने बेटे की देखभाल में गुजर जाता था।

अतः यदि आप कोई भी कार्य मन और लग्न से करते हैं तो सफलता आपकी कदम अवश्य चूम लेगी.

 

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