भारत में रहस्यमय और प्राचीन मंदिरों की कोई कमी नहीं है। पूरे भारत में ऐसे मंदिरों का भरमार है जैसे वैष्णों देवी, मनसा देवी, नंदा देवी और चंडी देवी समेत कई मंदिर जहाँ पर भक्त दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं ऐसा कहा जाता है की इन मंदिरों में माता के दर्शन मात्र से ही ज़िन्दगी की सभी मुश्किल खत्म हो जाती है। वैसे आज हम आपको एक देवों की भूमि मानी गई उत्तराखंड के एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में बताएंगे जहाँ पर चमत्कार कोई बड़ी बात नहीं है।
यहाँ मंदिर उत्तराखंड के श्रीनगर से 15 किमी दूर कलियासौड़ में अलकनंदा नदी के तट पर है आपको बता दें की इस मंदिर को “धारी देवी” मंदिर के नाम से जाना जाता है ऐसा कहा जाता है की यहां स्थित माता की मूर्ति दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है और इस चमत्कार को देखकर लोग हैरान रह जाते हैं।
माता की मूर्ति सुबह कन्या, दोपहर, युवती और शाम को बूढ़ी महिला के रूप में दिखती है। बद्रीनाथ जाने वाले लोग यहां रूक कर माता के दर्शन जरूर करते हैं।मान्यता है की धारी देवी उत्तराखंड के चार धाम की रक्षा करती हैं। मां धारी को पहाड़ों की रक्षक देवी माना जाता है।
वही पौराणिक कथा की माने तो एक बाढ़ में माता की मूर्ति बह गई और धारो गांव में चट्टान से टकरारकर रूक गई थी। और ऐसा कहा जाता है कि मूर्ति से निकली ईश्वरीय आवाज ने गांव वालों को उसी जगह पर मूर्ति स्थापित करने के लिए कहा हो जिसके बाद लोगो ने उसी जगह पर माता का मंदिर बना दिया।
यहां आने वाला श्रद्धालु मां के दरबार में हाजिरी लगाकर ही जाता है। वैसे जानकारी के लिए बता दे की यहाँ के लोगो का कहना है की इस मंदिर को साल 2013 में तोड़ दिया गया था। और मां धारी देवी की मूर्ति को दूसरे स्थान पर स्थापित कर दिया था। जिसे मां धारी देवी बेहद नाराज हो गईं थीं और उसी साल उत्तराखंड में एक बहुत ही भयंकर बाढ़ आई थी हजारों लोगों की जान चली गई थी। उस बाढ़ कज ही वजह से ये अनुमान लगाया जाता हूं कि माँ धारी देवी स्थान परिवर्तन की वजह से नाराज़ हो गयी थी।