देश में कोरोना के बिगड़ती स्तिथि को देखते हुए सभी देश भारत के साथ खड़े है । पहले जहाँ चीन साथ देना चाहता था भारत का वही रुष और फ्रांस भी साथ देने को तैयार था ।भारत और अमेरिका दो ऐसे देश हैं जो कोरोना के कारण सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत की वैक्सीन बनाने के लिए आवश्यक कच्चे मॉल को अमेरिका ने भेजने से साफ मना कर दिया था । उस दौरान भारत को एक करारा झटका सा लगा और इस फैसले से भारत के साथ साथ अन्य देशो में भी काफी आलोचना हुई अंततः अमेरिका ने हाँ कह दिया की हम भारत की हर संभव सहायता करेंगे ।
उपकार का बदला उपकार.
जब अमेरिका में कोरोना के पहले लहर ने तबाही मचा रखा था तब भारत ने उसका साथ दिया था ।अब अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट करते हुए कहा है ”महामारी की शुरुआत में जब हमारे अस्पतालों पर भारी दबाव था, उस समय भारत ने अमेरिका के लिए जिस तरह सहायता की थी उसी तरह भारत की जरूरत के समय में मदद करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं और हरसंभव भारत की मदद करेंगे । वैक्सीन के कच्चे मॉल अब वहां से वैक्सीन बनाने के कच्चे मॉल आएंगे इसके लिए मंजूरी दे दी है ।