वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए गए गणितीय मॉडल के अनुसार, दुष्ट ग्रह के कॉस्मिक रेडिएशन और गुरुत्वाकर्षण प्रभाव पानी और वातावरण की मौजूदगी के लिए पर्याप्त ऊष्मा उत्पन्न करते हैं. हालांकि, पानी की मात्रा पृथ्वी की तुलना में बहुत कम होगी, लेकिन यह एलियन जीवन की दिशा में पहला कदम हो सकता है.
चिली स्थित यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने किया शोध ,बिना तारे वाले ग्रहों को कहते हैं निष्कासित ग्रह या दुष्ट ग्रह।
इससे पहले भी एलियन को लेकर हो चुके हैं कई बड़े दावे कई वैज्ञानिकों ने किए हैं हाल ही में एक वैज्ञानिक ने तो ये भी कहा है कि अगर एलियन्स से संपर्क हो जाता है तो पृथ्वी पर इंसानी जीवन खतरे में पड़ सकता है या खत्म भी हो सकता है।
सैंटियागो: एलियन (Alien) के अस्तित्व को लेकर तरह-तरह के दावे किए जाते हैं. कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि एलियन मौजूद हैं और किसी सुदूर ग्रह से पृथ्वी पर नजर रखे हुए हैं. जबकि कुछ के लिए ये महज एक काल्पनिक थ्योरी है. हालांकि, इस दिशा में लगातार शोध (Research) जारी हैं. यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि क्या वास्तव में एलियन होते हैं और यही होते हैं तो उनसे इंसानों को क्या खतरा है? इस बीच, एलियन के मुद्दे पर चिली स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कॉन्सेप्सियन की एक रिपोर्ट सामने आई है.
Mathematical Model बनाया
एक वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, यूनिवर्सिटी ऑफ कॉन्सेप्सियन (University of Concepción) के वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि निष्कासित ग्रह या दुष्ट ग्रहों (Rogue Planets) में जीवन के अनुकूल परिस्थितियों वाले चंद्रमा हो सकते हैं. वैज्ञानिकों ने एक गणितीय मॉडल बनाया और इसके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है कि कुछ ‘एक्सोमून’ (Exomoons) में पानी के साथ-साथ वातावरण अनुकूल कंडीशन हो सकती हैं.
क्या होते हैं Rogue Planets?
जिन ग्रहों का कोई तारा नहीं होता और वो अकेले ही ब्रह्मांड में भटकते रहते हैं, उन्हें निष्कासित ग्रह या दुष्ट ग्रह (Rogue Planets) कहा जाता है. इन ग्रहों के प्राकृतिक उपग्रह हो सकते हैं, जिन्हें आमतौर पर एक्सोमून (Exomoons) कहा जाता है. चूंकि दुष्ट ग्रहों में कोई तारा नहीं होता, इसलिए उनका कोई ऊष्मा स्रोत (Heat Source) भी नहीं होता. लेकिन वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए गए गणितीय मॉडल के अनुसार, दुष्ट ग्रह के ब्रह्मांडीय विकिरण और गुरुत्वाकर्षण प्रभाव पानी और वातावरण की मौजूदगी के लिए पर्याप्त ऊष्मा उत्पन्न करते हैं. हालांकि, पानी की मात्रा पृथ्वी की तुलना में बहुत कम होगी, लेकिन यह एलियन जीवन की दिशा में पहला कदम हो सकता है.
यह है Scientists की थ्योरी
वैज्ञानिकों के मुताबिक, प्रत्येक लाइफ को सर्वाइव करने के लिए प्रकाश की आवश्यकता नहीं होती, हालांकि पृथ्वी अपनी सारी ऊर्जा सूर्य से प्राप्त करती है. समुद्र की गहराई में भी जीवन है, जो पृथ्वी द्वारा उत्सर्जित ऊष्मा पर सर्वाइव करता है. क्योंकि सूरज की रोशनी उस गहराई तक नहीं पहुंच पाती. इसलिए एक्सोमून के पानी में जीवन पनपने की संभावना काफी ज्यादा है. लिहाजा वैज्ञानिक मानते हैं कि निष्कासित ग्रह या दुष्ट ग्रहों (Rogue Planets) पर एलियन की मौजूदगी हो सकती है. वैज्ञानिकों का यह शोध वैज्ञानिक पत्रिका इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एस्ट्रोबायोलॉजी में प्रकाशित हुआ है.
क्या होगा अगर एलियन्स पृथ्वी पर मौजूद होंगे तो? क्या इंसानों को इनसे खतरा होगा? या इनके आने के बाद पृथ्वी पर इंसानी जीवन समाप्त हो जाएगा ऐसे कई सवाल दिमाग मे घूम रहे हैं लेकिन ये तब तक पूरे नहीं होंगे जब तक कोई सटीक जानकारी इनके बारे में न मिल जाये, आपका क्या कहना है एलियंस के बारे में अपने जवाब हमें कॉमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं।