भारत ही एक ऐसा देश है, जहा बच्चे के पैदा होने से पहले ही उनके माँ बाप उसका नाम चुन कर रख देते है। बच्चो का नाम रखने का पूरा अधिकार उनके माता-पिता को होता है। इस पर कोई भी भारतीय कानून नहीं लगता है। यहाँ तक के नाम रखने पर कोई भी तरह का रोक टोक नहीं लगाया जाता है। लेकिन आपको जान कर बहुत ही हैरानी होगी कि इस दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं जहाँ माँ-बाप को अपने बच्चे का नाम रखने की इजाज़त नहीं है।
कितना अजीब लग रहा है ना सुनने में कि माँ बाप को नाम रखने का कोई अधिकार नहीं है। बच्चे का नाम रखने से पहले सरकार की मंज़ूरी लेनी होती है। नाम रखने पर रोक-टोक लगता है। जब सरकार नाम रखने की अनुमति दे देती है। तब जा कर बच्चे का नाम रखा जाता है।
पूरे विश्व में डेनमार्क एक ऐसा देश है जहाँ एक मां-बाप अपनी मर्जी से अपने बच्चे का नाम नहीं रख सकते हैं। वहाँ के माँ-बाप बहुत ही मज़बूर और बेबस हो जाते हैं। क्योंकि हर माँ-बाप चाहते हैं की उसके बच्चे का नाम वह खुद चुन कर रखे। लेकिन डेनमार्क में ऐसा नहीं है। वहाँ सरकार के हिसाब से नाम चुनना पड़ता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे डेनमार्क में सरकार की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद ही बच्चे का नाम रखा जाता है। उस देश में सरकार की तरफ से 7,000 नामों की एक लिस्ट उपलब्ध कराई जाती है। जिनमें से एक नाम आपको चुनना होता है। लेकिन यह याद रहे की पहला नाम इस तरह रखे की नाम से ही लड़का है या लड़की इसका पता चल सके।
लेकिन अगर कोई माँ-बाप अपने आप ऐसा नाम रखना चाहते हैं। जो उस लिस्ट में मौजूद नहीं है तो, उसके लिए उनको स्थानीय चर्च और सरकार से मंजूरी लेनी होती है। जब चर्च और सरकार दोनों से ही मंज़ूरी मिल जाती है तब माँ-बाप को अधिकार होता है की वह अपने से नाम रख सकते है। और साथ ही साथ ऐसा नाम रखे जिससे उनका लिंग पता चल सके कि वो लड़का है या लड़की।
डेनमार्क के सरकार का कहना है की बच्चो का ऐसा नाम रखे जिससे उनके लड़का या लड़की होने का पता चल सके। उनके नाम से ही उनकी पहचान हो जाए। आपकी जानकारी के लिए बता दे वहाँ के लोग पहले नाम के रूप में अंतिम नाम का उपयोग नहीं कर सकते है। लेकिन आसामान्य नाम का अविष्कार कर सकते है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे डेनमार्क में हर साल 1100 नाम की पुस्टि की जाती है। उन नामो में से बहुत से नाम बर्खास्त कर दिए जाते हैं। जो नाम सही लगता है उसे सूचि में रख लिया जाता है। जो फिर किसी के नाम रखने में मदद करता है। अगर वही हम अपने देश की बात करे तो हमारे देश में ऐसा कोई भी रोक-टोक नहीं है। यहाँ माँ-बाप को पूरी छूट होती है अपने बच्चे का नाम रखने की।
विश्व मे सिर्फ और सिर्फ डेनमार्क ही एक ऐसा देश है जहाँ माँ-बाप को ये अधिकार नहीं दिया गया है बाकी किसी भी देश मे ऐसा नहीं किया जाता हर तरह की छूट दी जाती है आप अपने बच्चों का कोई भी नाम रख सकते हैं चाहे वो कुछ भी हो दक बार सरकारी कागज़ात पर नाम चढ़ गया उसके बाद फिर वो ऐसे ही हमेशा चलता रहेगा।