कोरोना कल के इस संकट के घड़ी में बच्चों के शिक्षा पर बेहद प्रभाव पड़ा है। जिससे वो पढाई में काफी कमजोर होते नजर आ रहे हैं। वही कुछ ओर ऑनलाइन क्लासेस भी चल रही हैं लेकिन जो बच्चे गरीब हैं वो इस क्लास को करने में असमर्थ हैं। जिसके पास स्मार्टफोन नहीं है, ओर इंटरनेट नहीं है वो इस सुविधा का फायदा नहीं लेपा रहे हैं। लेकिन इस दौर में दिल्ली के 6 छात्रों ने खुद बच्चों को पढ़ाने का फैसला किया है।
लोगो की मदद किसी भी प्रकार से की जा सकती है। दरसल कोरोना वायरस की वजह से स्कूल बंद चल रहे हैं जिसके कारण बच्चो का भविष्य बिगड़ता नजर आ रहा है। लेकिन वहीँ कुछ ऐसे छात्र भी हैं जो बिना कोई क्लास किये बिना अपनी शिक्षा का अभ्यास कर रहे हैं, ओर अपने से जूनियर का क्लास भी ले रहे हैं। आपको बतादें की दिल्ली के मयूर विहार फेज वन के कुछ छात्र मिलकर ‘यमुना खादर पाठशाला’ चलाते हैं। ये स्कूल फ्लाईओवर के निचे स्थित है। जिसमे लगभग 250 गरीब बच्चों को पढ़ाया जाता है। इन बच्चो को 6 लोग मिल के पढ़ते हैं। इस पाठशाला में केवल ऐसे बच्चे आते हैं। जिनके पास नातो पैसा है, ओर ना पढ़ने का कोई साधन लेकिन इन गरीब बच्चों की मदद के लिए कुछ छात्र अपना कीमती समय देकर इन बच्चों क्लास लेते हैं।
इन 6 छात्रों में से स्कूल का सारा काम काज देव पाल देखते हैं। जो 12 वीं पास हैं ओर नर्सरी से कक्षा 10 तक के छात्रों को पढ़ाते हैं।ओर भी 5 छात्र हैं जो नियमित रूप से बच्चों का क्लास लेते हैं। देव पाल बताते हैं। इस पाठशाला में जितने लोग क्लास लेते हैं वो सब ऐसे ही जगहों से पढ़ लिखकर निकले हैं। उन्होंने बताया की इन बच्चों से हमे जो भी थोड़ा बहुत पैसा मिलता उसे हम अपनी शिक्षा में लगाते हैं।